प्रधानाचार्या डॉ. रीटा जैन को ‘भामाशाह प्रेरक पुरस्कार’ से सरकार ने सम्मानित किया

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  • शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला राज्य स्तरीय गौरव

जयपुर, 28 जून। शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नवाचार और समर्पण का उदाहरण बन चुकीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, लखेसरा (राजस्थान) की प्रधानाचार्या डॉ. रीटा जैन को राज्य सरकार द्वारा प्रतिष्ठित ‘भामाशाह प्रेरक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय सेवाओं और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रेरणादायक पहल के लिए प्रदान किया गया है। इस गौरवपूर्ण अवसर पर जयपुर में आयोजित भव्य समारोह में जिला कलेक्टर जितेन्द्र सोनी एवं सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने डॉ. जैन को यह सम्मान भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

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डॉ. रीटा जैन का शैक्षिक और सामाजिक परिचय
डॉ. रीटा जैन, मूलतः राजगढ़ निवासी श्री राजेन्द्र श्यामसुखा की सुपुत्री हैं और धार्मिक-सामाजिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से संबंध रखती हैं। वे गंगाशहर में विराजित मुनिश्री विमल विहारी जी की संसार पक्षीय पुत्रवधू एवं प्रकाश कोठारी की धर्मपत्नी हैं। उनका पारिवारिक परिवेश नैतिक मूल्यों और शिक्षा को विशेष महत्व देने वाला रहा है, जिसने उन्हें समाजसेवा और शिक्षारूपी साधना के लिए प्रेरित किया।

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सम्मान के पीछे का योगदान
डॉ. जैन ने अपने विद्यालय में शैक्षणिक सुधारों के साथ-साथ विद्यार्थियों की मानसिक, बौद्धिक और नैतिक उन्नति के लिए कई अभिनव प्रयोग किए। उन्होंने शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर व्यावहारिकता, नैतिकता और सृजनशीलता से जोड़ा।

कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ –

  • विद्यालय में सकारात्मक और अनुशासित शैक्षणिक वातावरण की स्थापना की।
  • विद्यार्थियों के लिए करियर काउंसलिंग, कौशल विकास, लाइफ स्किल्स जैसे क्षेत्रों में गतिविधियाँ शुरू कीं।
  • छात्राओं को स्वावलंबन और आत्म-रक्षा हेतु विशेष कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए।
  • विद्यालय की साफ-सफाई, ग्रीन स्कूल अभियान, डिजिटल लर्निंग जैसी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया।
  • अभिभावकों और समाज को भी विद्यालय से जोड़ने हेतु जनभागीदारी मॉडल अपनाया।
  • उनकी कार्यशैली में नेतृत्व, संवेदनशीलता और शिक्षा के प्रति दृढ़ निष्ठा स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।

भामाशाह प्रेरक पुरस्कार का महत्व
‘भामाशाह प्रेरक पुरस्कार’ राजस्थान सरकार की ओर से उन शिक्षकों या प्रधानाचार्यों को प्रदान किया जाता है, जो शैक्षिक गुणवत्ता, नवाचार, और समाज को शिक्षित करने में विशेष भूमिका निभाते हैं। यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करता है। डॉ. रीटा जैन को यह पुरस्कार न केवल उनके व्यक्तिगत अथवा संस्थागत योगदान के लिए मिला है, बल्कि यह एक महिला शिक्षिका के रूप में सामाजिक चेतना, नेतृत्व और प्रेरणा का प्रतीक भी बन गया है।

सामाजिक प्रतिक्रिया
डॉ. रीटा जैन के इस सम्मान पर उनके सहयोगियों, छात्रों, अभिभावकों, और समाज के विभिन्न वर्गों से हर्ष और गौरव की भावना प्रकट की गई। थार एक्सप्रेस परिवार इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर डॉ. जैन को हार्दिक शुभकामनाएं एवं अभिनंदन प्रेषित करता है। उनके जैसे समर्पित शिक्षक ही भविष्य की नींव को सुदृढ़ करते हैं। उनका यह सम्मान निःसंदेह अन्य शिक्षकों के लिए भी प्रेरणास्रोत सिद्ध होगा। “शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, संस्कार का माध्यम है – और डॉ. रीटा जैन इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं।”

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