शिवकासी व उदयपुर में 265 वा भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस का आयोजन

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शिवकासी , 19 अप्रैल। शिवकाशी तेरापंथ सभा के तत्वावधान में मुनि श्री रश्मि कुमार जी वह मुनि श्री प्रियांशु कुमार जी के सानिध्य में आचार्य भिक्षुअभिनिष्क्रमण दिवस मनाया गया। सभी भाइयों और बहनों की उपस्थित पूर्ण रूप से रही।

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कार्यक्रम की शुरुआत मुनिश्री ने नमस्कार महामंत्र से की। यह बहुत बड़ा संजोग है की रामनवमी और भिक्षु अभीनिष्क्रमण दिवस एक ही दिन है। मुनि श्री के सानिध्य से हमें पता चला की दोनों में बहुत समानता है । भिक्षु स्वामी भी नियम के पक्के थे उनमें दृढ़ संकल्प था जो ठान लेते वह कर लेते । सत्य का पालन करना उनका प्रथम धर्म था। और मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी थे और भिक्षु स्वामी भी। इस प्रकार मुनि श्री ने भिक्षु स्वामी के प्रति काफी बातें हमें बताई और उनके चमत्कार भी सुनाएं।

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शिवकासी तेरापंथ सभा के पूर्व अध्यक्ष व तेरापंथ सभा के वरिष्ठ श्रावक नौरत्नमल डागा ने भी भिझु स्वामी के प्रति अटूट आस्था व विश्वास कि चर्चा की और’ छतरी’ की भी बाते बताई। महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती रानी बरडिया ने स्वामीजी कि कविता सुनाई। तेरापंथ महिला मंडल मंत्री बेला कोठारी भी कार्यक्रम में उपस्थित थी ।

उदयपुर में रामनवमी और आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस मनाया

उदयपुर मुनि सुरेश कुमार के सान्निध्य में डायमंड कॉम्प्लेक्स स्थित सुख विला में चैत्र नवरात्रि का नौ दिवसीय अनुष्ठान संपन्न हुआ। इस दौरान प्रतिदिन सुबह 6:30 से 7:30 और रात 8:15 बजे विभिन्न कार्यक्रम हुए। अंतिम दिन रामनवमी और आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस मनाया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुनि सुरेश कुमार ने कहा कि महा पुरुषत्व सौभाग्य से नहीं, भीष्म प्रतिज्ञामय पुरुषार्थ से जन्म लेता है।

राम व्यक्ति नहीं, विचार है। विचार की मृत्यु नहीं होती। मुनि संबोध कुमार मेधांश ने कहा कि राम रवाली होना सिखाते हैं। जब राम-राम कहे तो चेतना को खाली कर लो। अभिनिष्क्रमण और पलायन में फर्क है। अभिनिष्क्रमण उद्देश्यों को सलामी देता है। पलायन जिम्मेदारियों से भागना सिखाता है। इस दौरान मुनि सिद्ध प्रज्ञ ने भी संबोधित किया। मंडल अध्यक्षा सीमा बाबेल ने बताया कि इस अवसर पर 111 श्रावक-श्राविकाओं ने सामयिक साधना की।

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