84 साल की मां ने बेटी को दी नई जिंदगी, किडनी दान कर रचा इतिहास


जयपुर की बुधो देवी बनीं देश की सबसे उम्रदराज जीवित किडनी डोनर




जयपुर, 29 मई। मां सिर्फ जन्म नहीं देती, बल्कि जब जरूरत हो तो अपनी जिंदगी भी दांव पर लगा सकती है। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं भरतपुर की 84 वर्षीय बुधो देवी, जिन्होंने अपनी 50 वर्षीय बेटी गुड्डी देवी को किडनी दान कर न केवल उसे नया जीवन दिया, बल्कि देश की सबसे उम्रदराज जीवित किडनी डोनर बनने का कीर्तिमान भी स्थापित किया। एसएमएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जयपुर में सफलतापूर्वक किए गए इस दुर्लभ ट्रांसप्लांट में बुधो देवी की किडनी उनकी बेटी के शरीर में महज दो घंटे में फंक्शनल हो गई। यह ऑपरेशन यूरोलॉजी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. नीरज अग्रवाल और उनकी विशेषज्ञ टीम द्वारा रविवार को किया गया। डॉ. अग्रवाल ने बताया, “अब तक हमने 60 से 65 वर्ष से अधिक उम्र के डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट होते नहीं देखा था, लेकिन बुधो देवी ने यह असंभव कार्य संभव कर दिखाया। उनका साहस और ममता हम सभी के लिए प्रेरणा है।”


बेटी गुड्डी देवी क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थीं और डायलिसिस पर निर्भर थीं। जब डोनर की आवश्यकता पड़ी, तो परिवार को उम्मीद नहीं थी कि मां खुद आगे आएंगी। लेकिन बुधो देवी ने दृढ़ संकल्प दिखाया और कहा, “अगर मेरी जान से उसकी जान बच सकती है, तो मैं तैयार हूं।”
काउंसलिंग और विस्तृत चिकित्सकीय जांच के बाद पाया गया कि बुधो देवी पूरी तरह फिट हैं और उनकी किडनी डोनेट करने के लिए उपयुक्त है। ऑपरेशन के बाद सिर्फ 3 दिन में ही डोनर मां को स्थिर स्थिति में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि रिसीवर बेटी का इलाज नेफ्रोलॉजी ट्रांसप्लांट ICU में जारी है।

इस ऐतिहासिक सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में डॉ. नीरज अग्रवाल के साथ डॉ. धर्मेंद्र जांगिड़, डॉ. कुलदीप, डॉ. राजेश, डॉ. फैसल, डॉ. नवीन, डॉ. करण, डॉ. सार्थक और डॉ. राघव शामिल रहे। वहीं एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. वर्षा कोठारी, डॉ. अनुपमा गुप्ता और डॉ. सिद्धार्थ ने किया।
“उम्र सिर्फ एक संख्या है,” डॉ. अग्रवाल ने कहा, “बुधो देवी की मानसिक दृढ़ता और ममता ने जो कर दिखाया है, वह भविष्य में अंगदान के प्रति समाज के दृष्टिकोण को बदल सकता है।”
अब तक एसएमएस मेडिकल कॉलेज में कुल 793 किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं, जिनमें 704 जीवित और 91 मरणोपरांत डोनर हैं। बुधो देवी इस सूची में सबसे वरिष्ठ जीवित डोनर बन गई हैं, और उनकी यह मिसाल निश्चित रूप से लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। इस ट्रांसप्लांट के लिए सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने डॉ. नीरज अग्रवाल सहित उनकी पूरी टीम को बधाई दी।