9वीं के छात्र की हार्ट अटैक से मौत, रातभर तड़पा


- एमपी का छात्र गया था गुजरात के आश्रम; गोद में लेकर बैठा रहा सहायक सस्पेंड
भोपाल , 28 मई। गुजरात के नवसारी जिले में तपोवन आश्रमशाला में मध्यप्रदेश से पढ़ने गए 9वीं के छात्र की मौत हो गई। 13 वर्षीय छात्र मेघ शाह को रात में हॉस्टल में सीने में दर्द उठा था। उसने सहायक को इसकी जानकारी भी दी, लेकिन उसने इसे सामान्य समझा।




हॉस्टल सहायक हर्षद राठवा ने छात्र को पूरी रात गोद में रखकर संभालने की कोशिश की। बालक तड़पता रहा। सुबह उसे अस्पताल ले जाया गया। हालांकि तब तक बहुत देर चुकी थी। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण छात्र की मौत हो गई।


घटना 24 मई को रात 1 बजे की है। इसका सीसीटीवी भी सामने आया है। छात्र मेघ शाह बड़वानी के खेतिया का रहने वाला था। परिवार ने दोषियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस को आवेदन दिया है। हालांकि, नवसारी ग्रामीण पुलिस ने डॉक्टर की प्रारंभिक जांच के आधार पर आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज जांच शुरू की है।इधर, आश्रम प्रबंधन ने लापरवाही बरतने पर हॉस्टल सहायक हर्षद राठवा को सस्पेंड कर दिया है।
एक्स्ट्रा क्लास के लिए छात्रों को बुलाया गया था
नवसारी के नेशनल हाईवे नंबर 48 पर स्थित तपोवन आश्रमशाला पिछले लगभग 35 वर्षों से स्कूल और हॉस्टल चला रही है। इसमें लगभग 322 छात्र पढ़ते हैं। वर्तमान में छुट्टियां होने के बावजूद अतिरिक्त कक्षा के लिए छात्रों को बुलाया गया था। इसी अतिरिक्त कक्षा में शामिल होने के लिए मेघ शाह मध्यप्रदेश के खेतिया से चार-पांच दिन पहले नवसारी आया था। जब वह घर से आया था, तब वह एकदम स्वस्थ था, यह बात स्कूल ने भी मानी है।
सीसीटीवी में छात्र रातभर तड़पता रहा
24 तारीख की रात करीब 1:00 बजे मेघ शाह को अचानक शरीर में दर्द हुआ। उसने इस बात की जानकारी आश्रमशाला में सहायक के रूप में कार्यरत हर्षद राठवा को दी। लेकिन सहायक हर्षद राठवा ने रात 1 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक केवल उसे सांत्वना ही दी। इसके बाद मेघ शाह को एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
आश्रम प्रबंधक ने कहा- कर्मचारी को सस्पेंड किया
संस्था प्रबंधक गंगाधर पांडे ने बताया कि इस पूरी घटना में लापरवाही बरतने वाले सहायक हर्षद राठवा को सस्पेंड कर दिया गया है। जब छात्र ने दर्द की शिकायत की थी, तब हर्षद राठवा ने उसे मरहम लगाई और एसिडिटी की दवा देकर कहा कि चलो अस्पताल चलते हैं। संस्था को जब इस कर्मचारी की गलती का एहसास हुआ, तब उसे तुरंत निलंबित कर दिया गया।