बीकानेर नगर स्थापना पर तीन दिवसीय उछब थरपणा का आगाज 3 मई से
बीकानेर, 29 अप्रेल।राजस्थान की मरूधरा में अपनी साहित्य, सांस्कृतिक स्थापत्य कला एवं पुरासम्पदा के लिए पूरे देश में विख्यात बीकानेर नगर के स्थापना दिवस समारोह को गत वर्षों की भांति ही इस वर्ष के 536वें स्थापना दिवस को तीन दिवसीय ‘उछब थरपणा’ समारोह के रूप में मनाया जाएगा।
कार्यक्रम के आयोजक वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं संस्कृतिकर्मी राजेश रंगा ने बताया कि इस वर्ष 3 मई से 5 मई 2024 तक होने वाले इस भव्य समारोह राजस्थानी साफा, पाग-पगडी, कला-संस्कृति संस्थान एवं थार विरासत संस्था के साझा आयोजन के रूप में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में बीकानेर के सूचना एवं जन संपर्क कार्यालय का सहयोग भी रहेगा।
कार्यक्रम के समन्वयक साफा पाग-पगड़ी विशेषज्ञ कृष्णचंद पुरोहित ने बताया कि तीन दिवसीय ‘उछब थरपणा’ के प्रथम दिन प्रातः 10ः30 बजे स्थानीय सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के सभागार में एक अनूठी एवं नव पहल लिए हुए हमारी सांस्कृतिक विरासत साफा, पाग-पगड़ी एवं बीकानेर की स्थापना से आज तक अपनी अलग राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाए हुए ‘चंदौ’ के विभिन्न रूपों के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
कार्यक्रम संयोजक वरिष्ठ चित्रकार मोना सरदार डूडी एवं मुकेश सांचीहर ने बताया कि इस प्रकार 3 मई से 5 मई तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में इसके अलावा बीकानेर की विभिन्न कला वैभव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले मौना सरदार डूडी की कुरेचन कला, कमल जोशी की थ्रीडी आर्ट पेन्टिंग, राम भादाणी की बीकाणा गोल्डन आर्ट, सेफ अली उस्ता की उस्ता आर्ट, गणेश रंगा पेन्टिंग, योगेश रंगा की क्राफ्ट कला, पेन्टर धर्मा, पेन्टर योगेन्द्र पुरोहित की मोर्डन आर्ट, मोहित पुरोहित, आदित्य पुरोहित के कलात्मक चंदे, कृष्णकांत व्यास की वुडन आर्ट, मुकेश जोशी सांचीहर की फर्ड आर्ट, रवि उपाध्याय की बुल आर्ट, सुश्री फरा की गोल्डन पेन्टिंग, सुश्री निकिता सारण की मेनिचर आर्ट इत्यादि कलाकारों की करीब 20 से अधिक विभिन्न तरह की आर्ट की प्रदर्शनी साफा, पगडी और चंदों के साथ 3 दिन तक प्रतिदिन 10ः30 से सांय 5ः30 बजे तक रहेगी।
आयोजक संस्था के राजेश रंगा एवं कृष्णचंद पुरोहित ने बताया कि ‘उछब थरपणा’ समारोह के दूसरे दिन एक विचार गोष्ठी का आयोजन प्रदर्शनी स्थल पर ही रखा गया है, और समारोह के अन्तिम दिन समापन के साथ विशेष आमंत्रित नगर के हिन्दी, उर्दू एवं राजस्थानी के कवि शायरों की प्रतिनिधि रचनाओं के साथ कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया जाएगा।