जानलेवा हमला करने के आरोपियों को सात साल की सजा
- पिता से मारपीट कर बेटे के सिर पर मारी थी कुल्हाड़ी, आठ साल पुराना मामला
बीकानेर , 3 मई। बीकानेर के एक गांव में साल 2015 में जानलेवा हमला करने के मामले में अदालत ने पांच जनों को सात साल की सजा सुनाई है। मामने में आठ साल बाद फैसला आया है। अपर सेशन न्यायाधीश संख्या दो ने इस मामले में सजा सुनाई है। आरोपी गजनेर थाना क्षेत्र के सुरजड़ा गांव के रहने वाले है।
19 जुलाई 2015 को सुरजड़ा गांव के ही रेवंतराम का फोन उसके बेटे जयनारायण के पास आया कि कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया है। ये सुनकर बेटा जयनारायण, भतीजा गणेश, ओमप्रकाश, जेठाराम व गणेश बीच-बचाव करने के लिए पहुंच गए। गांव के मुख्य चौक में ठाकुर जी मंदिर के पास श्रवण सिंह, सुमेर सिंह, महेंद्र सिंह, नरसीराम व बिशनाराम मिलकर रेवंतराम पर हमला कर रहे थे।
कुल्हाड़ी से सिर पर किया था वार
सभी लोगों के हाथ में हथियार थे। जैसे ही जयनारायण और उसके भाई नजदीक पहुंचे तो श्रवण सिंह, सुमेर सिंह, नरसीराम व बिशनाराम ने जानलेवा हमला शुरू कर दिया। नरसीराम ने कुल्हाड़ी से जयनारायण के सिर पर वार कर दिया। जिससे उसे काफी गंभीर चोट आई। अगर सिर में थाेड़ी ज्यादा लगती तो हत्या भी हो सकती थी। बिशनराम ने एक जने के कंधे पर दांतों से काटा भी है।
सिर में चोट से हो सकती थी मौत
सभी चोटों का मेडिकल मुआयना करवाया गया, जिसमें जयनारायण के सिर पर लगी चोट को गंभीर माना गया। सिर में जिस जगह चोट लगी है। ऐसी जगह लगी है, जहां से मौत भी हो सकती थी। ऐसे में अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने श्रवण सिंह, सुमेर सिंह, महेंद्र सिंह, नरसीराम व बिशनाराम को सात साल की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कुछ और सजा भी दी है जो सात साल की सजा के साथ चलेगी। परिवादी की ओर से एडवोकेट ओम प्रकाश हर्ष ने पैरवी की।