बहुत बड़ा जमीन घोटाला राजस्व सेवा के 7 सरकारी अधिकारी निलंबित
- पूगल में भी जमीन घोटाला:दो भू-अभिलेख निरीक्षक, कानूनगो व चार पटवारी निलंबित
बीकानेर , 14 मई। बीकानेर जिले में छत्तरगढ़ के बाद अब पूगल में जमीन आवंटन घोटाला सामने आया है। प्राथमिक जांच के अनुसार तहसील कर्मियों और पटवारियों ने मिलीभगत करके लगभग 2 हजार बीघा जमीन का गलत तरीके से आवंटन कर दिया। ये सारा घोटाला पिछले एक साल के दौरान हुआ है।
रेतीले धाेराें की यह अनकमांड जमीन 1971-1976 के बीच और 1985 में भूमिहीन किसानाें काे निशुल्क आवंटित की गई थी। उस समय भूमिहीन किसानाें के नाम इंतकाल दर्ज हाे गया। उसके बाद किसी ने भी इन जमीनाें की सुध नहीं ली ताे उन्हें वापस अराजीराज कर दिया।
लगभग एक साल पहले पूगल तहसील के करणीसर ग्राम पंचायत क्षेत्र में साेलर प्लांट लगाने की मंजूरी मिल गई। इसके कारण यहां जमीनों की कीमत बढ़ गई। इसके बाद अपने नाम से आवंटित अराजीराज जमीन काे वापस लेने के लिए कई लोगों ने दोबारा आवेदन किया।
नियमानुसार आवेदकाें से संबंधित क्षेत्र के एसडीएम काेर्ट में वाद दायर करवाना चाहिए था। इसके विपरीत कर्मचारियों ने मिलीभगत करके तहसील कार्यालय में पुन: जमीन देने के प्रार्थना पत्र के आधार पर ही उन्हें जमीन आवंटित कर दी। इस मामले की शिकायत आने के बाद जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने पूरे मामले की जांच की।
जांच में आवंटन गलत तरीके से और नियम विरूद्ध पाए जाने पर पूगल तहसील के भू अभिलेख निरीक्षक इकबाल सिंह व जयसिंह, ऑफिस कानूनगाे भंवर लाल मेघवाल, पटवारी लूणाराम, मांगीलाल बिश्नाेई, राजेन्द्र स्वामी और विकास पूनिया को निलंबित किया गया है।
पुराने आवंटन की पुष्टि करा कर दे दी खातेदारी
तहसील कार्यालय में कार्यरत पटवारी और भू अभिलेख निरीक्षक ने जमीन आवंटन के मामले में नियमों का ध्यान नहीं रखा। उन्हाेंने एसडीएम कार्यालय काे आवंटन पुष्टि पत्र भेजा। उसमें केवल यही पूछा कि आपके यहां इस नाम के व्यक्ति काे 1971-76 के बीच और 1985 में जमीन आवंटित की गई थी क्या? इसमें क्या किया जा सकता है? इस पत्र का जवाब एसडीएम कार्यालय से यही आया कि हां आवंटन किया गया था, नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
बीकानेर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बताया कि जांच के दाैरान आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले में अन्य जाे भी दाेषी हाेंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 50 साल पुराने पट्टाें काे नियम विरुद्ध देना, उन्हें गैर खातेदार बनाकर तत्काल खातेदारी देना, जैसी अनियमितताएं मिली हैं।
जानकारी के अनुसार इस संबंध में छतरगढ़ की वर्तमान तहसीलदार राजकुमारी ने केस दर्ज करवाया है. अधिकारी और कर्मचारियों के बाद अब करीब 52 किसानों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. पूर्व में यहां तहसीलदार, गिरदावर और पटवारी सहित खातेदारों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. जमीन घोटाले का यह मामला छत्तरगढ़ के सत्तासर से जुड़ा हुआ है.
हजारों बीघा के जमीन घोटाले मामले में अब तक दो अलग अलग FIR दर्ज हो चुकी है. इस पूरे मामले की जांच खाजूवाला पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार कर रहे हैं. मामले की परतें खुलने के बाद जिला कलेक्टर ने भी तत्काल एक्शन लिया है.
जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने थार एक्सप्रेस को बताया कि यह बहुत बड़ी कार्यवाही की गयी है। उन्होंने बताया कि गिरदावर और पटवारियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए हैं. कलेक्टर ने राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 13 (1) तहत किया इन कर्मचारियों को निलंबित किया है. बताया जा रहा है कि घोटाले में कई बड़े नाम भी शामिल हैं। जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. उल्लेखनीय है कि पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर जिले में पूर्व में भी बड़ा जमीन घोटाला सामने आ चुका है. उस मामले में भी कई अधिकारी और कर्मचारी पर भी कार्यवाही हुयी थी तथा जेल गए। महाजन फील्ड फायरिंग जमीन मुवावजा घोटाला बीकानेर का वह जमीन घोटाला जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहा था देश की राजनीती का मुख्य हथियार बना। वह घोटाला 2024 के चुनावों में दफ़न हो गया।