शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान-बीकानेर ने मुख़्यमंत्री को बधाई दी है
बीकानेर , 24 मई। राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53 (1) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति बाबत सरकार द्वारा जारी करने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान-बीकानेर ने कहा है कि इस आदेश से राजस्थान में ईमानदारी एवं कार्य के प्रति ज़बाबदेही को सुनिश्चित करेंगा । शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान-बीकानेर इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को बधाई देता है.
प्रदेश संस्थापक मदनमोहन व्यास व प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने कार्मिक (क-1/ गो.प्र.) विभाग के परिपत्र दिनाक 21.04.2000 एवं इसके पश्चात जारी परिपत्रों जिसके द्वारा राजस्थान सिविल सेवायें (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53 (1) के अनुसार ऐसे सरकारी अधिकारी / कर्मचारी जिन्होनें 15 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु जो भी पहले पूर्ण कर ली है एवं अपनी अकर्मण्यता, संदेहास्पद सत्यनिष्ठा, अक्षमता एवं अकार्यकुशलता अथवा असंतोषजनक कार्य निष्पादन के कारण जनहितार्थ आवश्यक उपयोगिता खो चुका है। ऐसे सरकारी अधिकारी/कर्मचारी की स्क्रीनिंग कर तीन माह के नोटिस अथवा उसके स्थान पर तीन माह के वेतन व भत्तों के भुगतान के साथ तुरन्त प्रभाव से राज्य सेवा से सेवानिवृत्ति किया जा सकेगा।
परिपत्र में लिखा है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही वित्त (नियम) विभाग के परिपत्र सं. 15 (3) एफ.डी. / रूल्स/99 दिनांक 03.12.2002 व प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेश 6 (9) एआर / अनुभाग-3/2001 दिनांक 17.05.2018 एवं कार्मिक विभाग के परिपत्र कमांक 13 (53) कार्मिक / क-1 / गो.प्र./06 दिनांक 19.04.2006 की पालना सुनिश्चित करने के उपरान्त निर्धारित प्रक्रिया अपनाते हुये अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही की जा सकेगी।
परिपत्र में लिखा है कि प्रशासनिक विभागों और विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया जाता है कि उक्त आदेश के कम में सभी राज्य सेवा अधिकारियों/कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कर जनहितार्थ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करना सुनिश्चित करे। साथ ही सीमा अनुसार बिन्दुवार अद्यतन सूचना माहवार विभाग को प्रेषित करना सुनिश्चित करे। यह परिपत्र सुधांश पंत मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।