विकास के पायदानों को संस्कारवान बालिका प्राप्त कर सकती है – साध्वी श्री
चेन्नई , 29 मई। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्वावधान में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा, चेन्नई की आयोजना में साध्वी डॉ गवेशणाश्री जी ठाणा 4 के सान्निध्य में बुधवार से तेरापंथ सभा भवन, साहुकारपेट, चेन्नई में तमिलनाडु स्तरीय पांच दिवसीय आवासीय बालिका संस्कार निर्माण शिविर का शुभारम्भ हुआ।
नमस्कार महामंत्र के बाद साध्वी श्री दक्षप्रभा ने मंगलाचरण गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी श्री मंयकप्रभा, साध्वीश्री मैरुप्रभा ने अपने विचार व्यक्त किए। महासभा शिविर संयोजक एवं उत्तर तमिलनाडु आंचलिक प्रभारी विमल चिप्पड़ ने महासभा के संस्कार निर्माण शिविर के महनीय कार्यों की रुपरेखा रखी। सभाध्यक्ष उगमराज सांड ने स्वागत स्वर प्रस्तुत करते हुए साध्वीश्री के सान्निध्य प्रदान करने के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की और महासभा द्वारा चेन्नई में शिविर आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
साध्वीश्री डॉ गवेशणाश्री ने कहा कि बालिका संस्कारवान होती है तो वह दो घरों को संवार सकती हैं। संस्कार सम्पन्न बालिका अपने जीवन में नियमितता से चलती हुई विकास के पायदान पर चढ़ती जाती हैं। आध्यात्म का पुट जुड़ने से भौतिकता में भी सामजस्य बैठा सकती हैं। साध्वीश्री ने पारम्परिक पंचांग प्रणति पूर्वक वन्दना का वैज्ञानिक महत्व समझाया।
शिविर में 13 से 19 वर्ष की 100 से ज्यादा बालिकाएं शिविरार्थी बनी हुई है। प्रातःकाल 6.00 बजे से ही बाहर गांव की बालिकाओं का आना प्रारंभ हो गया था। विभिन्न सत्रों में उन्हें धार्मिक खुराक के साथ कार्योत्सर्ग, ध्यान, आसन आदि के साथ सामान्य जीवन में आपात स्थिति में स्वयं अपनी सुरक्षा कैसे कर सके, ये गुर भी सिखायें जायेंगे।
शुभारम्भ सत्र में महासभा संरक्षक प्यारेलाल पितलिया, महासभा प्रतिनिधि जयंतीलाल सुराणा, देवराज आच्छा, ललित दुगड़ के साथ गणमान्यजनों की उपस्थिति रही। नवचयनित अध्यक्ष अशोक खतंग के साथ तेरापंथ सभा टीम इस शिविर के सुचारू संचालन के लिए लगी हुई हैं।