प्रभारी सचिव ने जिला स्तरीय अधिकारियों से लिया फीडबैक, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
- प्रभारी सचिव ने कहा-लू, तापघात सहित मौसमी बीमारियों से सुरक्षा के लिए हो समन्वित प्रयास
बीकानेर, 29 मई। सांख्यिकी एवं आयोजना विभाग के शासन सचिव और जिला प्रभारी सचिव श्री नवीन जैन ने कहा कि गर्मी और हीट वेव का प्रकोप बने रहने की आशंका को देखते हुए पानी, बिजली और चिकित्सा से जुड़े विभागीय अधिकारी अगले एक माह तक प्रोएक्टिव मोड पर काम करें और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करते हुए आमजन को राहत पहुंचाएं। प्रभारी सचिव ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों के निवारण के लिए विभाग अपने कंट्रोल रूम को मुस्तैद रखें।कंट्रोल रूम में कार्यरत अधिकारी, कार्मिकों को ब्रीफिंग करने के साथ फीडबैक लेने तथा माइक्रो मॉनिटरिंग का विशेष ध्यान दें।
टैंकर मैनेजमेंट पर करें फोकस
प्रभारी सचिव ने शहरी और ग्रामीण आबादी तक पेयजल और शुद्धतापूर्ण पेयजल आपूर्ति के लिए नमूनों की संख्या बढ़ाने, नलकूप और ट्यूबवेल्स स्वीकृति और निर्माण की प्रगति, जेजेएम सहित विभिन्न विषयों की प्रगति रिपोर्ट ली। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने में आ रही चुनौतियां को सूचीबद्ध करते हुए माइक्रो लेवल की प्लानिंग कर समुचित मैनेजमेंट किया जाए। उन्होंने कहा कि टैंकर मैनेजमेंट पर विशेष विशेष फोकस करें। आवश्यकता अनुसार रूट चार्ट बनाकर प्लान करते हुए अधीनस्थ अधिकारियों के साथ समुचित समन्वय और मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।
पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता राजेश पुरोहित ने बताया कि सैंपलिंग में फेल हुए नमूनों की लाइन वॉश करवाकर पुनः सैंपल जांच करवाई गई है। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से जारी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ स्वीकृत ट्यूबवेल और नलकूपों की रिवाइज सैंक्शन प्राप्त नहीं होने के चलते कार्य बकाया है। प्रभारी सचिव ने इस संबंध में विस्तृत सूची बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बिजली आपूर्ति के लिए जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और बीकेईएसएल से जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि आगामी आवश्यकताओं के मद्देनजर पहले से तैयारी रखें। आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर्स का लोड बढ़ाया जाए। जले हुए ट्रांसफार्मर्स टाइमलाइन में बदलना सुनिश्चित करें।
सभी स्वास्थ्य केंद्रों से मांगी हीट वेव रिकवरी वार्ड्स की रिपोर्ट
प्रभारी सचिव ने चिकित्सा विभाग से लू और तापघात के संबंध में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में हीट वेव रिकवरी वार्ड में समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। अधिकारी विजिट कर रिपोर्ट लें और समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित होने पर फोटो सहित रिपोर्ट गुरुवार तक भिजवाएं। उन्होंने कहा कि ओआरएस, आईस बैग्स की पर्याप्त व्यवस्था रहे। हीट वेव के संबंध में जारी प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस की शत-प्रतिशत अनुपालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संयुक्त निदेशक चिकित्सा को इसके लिए समस्त बीसीएमओ और मेडिकल ऑफिसर्स के साथ वीसी कर निर्देश दिए।
जिला प्रभारी सचिव ने मनरेगा की साइट्स पर समुचित पानी, ओआरएस किट, छाया आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा। पीबीएम सहित समस्त जिला अस्पतालों में हीट वेव रिकवरी वार्ड्स की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के लिए निर्देश दिए गए।
प्रभारी सचिव ने कहा कि एंबुलेंस में हीट स्ट्रोक उपचार से जुड़े आवश्यक संसाधन उपलब्ध रहें। निगम तथा नगर पालिकाओं को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, बस स्टैंड जैसे स्थानों का चिन्हीकरण कर छाया,पानी जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रोडवेज के साथ इस संबंध में समन्वय किया जाए। वेटिंग हॉल में कूलर्स और पंखे सुचारू रूप से कार्यरत रहें।
जिला प्रभारी सचिव श्री जैन ने पशुपालन विभाग से चारे के दाम और उपलब्धता की जानकारी ली और कहा कि इसमें कमी ना आए। इनपुट समय रहते ले लिए जाएं। उन्होंने गौशालाओं में शेड, पानी और चारे की समुचित उपलब्धता के लिए भौतिक सत्यापन करवाने के निर्देश दिए और कहा कि गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन विभाग मोबाइल वेटरनरी यूनिट से इन गौशालाओं को जोड़े। इन मोबाइल यूनिट्स के रूट चार्ट की जानकारी एसडीएम और ग्राम सेवक आदि के साथ शेयर करें। गौशालाओं में पानी की व्यवस्था के लिए मनरेगा के तहत डिग्गी और टैंक जैसे स्थाई स्टोरेज निर्मित करवाए जाएं।
वर्षा जल संग्रहण और संरक्षण के हों गंभीर प्रयास
प्रभारी सचिव ने कहा कि आने वाले समय में भूजल की कमी की आशंकाओं के मध्यनजर जिले में वर्षा जल संरक्षण दिशा में सुनियोजित तरीके रूप से काम किए जाने की आवश्यकता है।जिला कलेक्टर इस दिशा में विशेष फोकस करते हुए विभागों को समुचित निर्देश दें। जिला प्रभारी सचिव ने ई-फाइलिंग की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्देशों के बाद भी यदि ई-फाइलिंग शुरू नहीं की गई, तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी तथा जिन विभागों में फाइल निस्तारण में अधिक समय लिया जा रहा है, उनको भी ध्यान देने की आवश्यकता है। बैठक में रात्रि चौपाल, जनसुनवाई, फील्ड विजिट आदि की समीक्षा की गई। पुलिस के साथ अवैध खनन रोकथाम के लिए समीक्षा करते हुए प्रभारी सचिव ने खनन विजिलेंस अधिकारी के बैठक में उपस्थित नहीं होने पर नाराजगी जताई।
मिलावट खोरी रोकथाम के लिए बढ़ाएं सैंपलिंग
प्रभारी सचिव ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों के मिलावट और अवधिपार उत्पादों के विक्रय और भंडारण की रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई नाकाफी है। आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना बड़ी जिम्मेदारी है। इस दिशा में गंभीरता से कार्रवाई करते हुए सैंपल बढ़ाए जाएं। बैठक में आगामी मानसून के दौरान किए जाने वाले पौधारोपण की तैयारी की भी समीक्षा की गई।
जिला प्रभारी सचिव ने संबंधित विभागों को अन्य विभागों के साथ कन्वर्जेंस और कोऑर्डिनेशन से कार्य करने संस्थावार नोडल बनाने, वातावरण अनुकूल पौधों का चयन करते कार्यालयों सहित पौधारोपण करने तथा आमजन को इस कार्य में अधिक से अधिक भागीदारी हेतु प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यालय में साफ सफाई रहे। कर्मचारी समय पर उपस्थिति दें।
जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने विभिन्न विभागों की ओर से विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने की बात कही। उन्होंने हीट वेव प्रबंधन के लिए अब तक किए गए कार्यों, रात्रि चौपाल और भ्रमण, निरीक्षण आदि की जानकारी दी।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहनलाल ने बताया कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा 3 लाख 42 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। वहीं वन विभाग द्वारा जिले में 20 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) डॉ दुलीचंद मीणा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) उम्मेद सिंह रतनू सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।