राज्यस्तरीय पंचदिवसीय बालिका संस्कार निर्माण शिविर का समापन समारोह

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चेन्नई , 2 जून। युवामनीषी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या डॉ. साध्वी गवेषणाश्रीजी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में राज्यस्तरीय “बालिका संस्कार निर्माण शिविर” के पंचदिवसीय आयोजन का आज समापन हुआ।

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साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा- जिंदगी जीना है तो कुछ हुनर पैदा करना जरूरी है जो काम सोना कर सकता है वह तांबा नहीं कर सकता। रोटी पकाने में जितना समय लगता है उससे अधिक खाने में लगता है। जितना खाने में लगता है उससे अधिक कमाने में लगता है। हम अपने संस्कारों को सुरक्षित रखना चाहते है तो उसके लिए पुरुषार्थ करना होगा।

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कन्याओं को शिविर में जो संस्कार प्राप्त हुए है उसको संजोकर रखना है। यह हमारे जीवन की खुराक है, यह संस्कार ओजपूर्ण आहार से युक्त है, जो जिंदगी भर आपके काम आएंगे। तेरापंथ महासभा, तेरापंथ सभा, तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड, और शिविर संयोजिका एवं पूरे ग्रुप के सहयोग से ही यह पंच दिवसीय शिविर सफल हो पाया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी मेरुप्रभाजी के मंगलगान से हुआ। साध्वी दक्षप्रभाजी ने सुमधुर गितिका प्रस्तुत की। प्रारंभ के कार्यक्रम का संयोजन साध्वी मयंकप्रभाजी ने किया।

शविरार्थी कन्याओं द्वारा रोचक ग्रुप ड्रामा प्रस्तुति दी गयी। जिसमें योगा प्रस्तुति, शिविर की कहानी अपनी जुबानी आदि ने सबका ध्यान आकर्षित किया। मुमुक्षु कोमल, मुमुक्षु हेमश्री ने प्रेरणास्पद विचार रखें।

ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष व महासभा प्रभारी विमल चिप्पड़, तेरापंथ सभा अध्यक्ष उगमराज सांड, शिविर व्यवस्थापिका कविता रायसोनि, मनोज डूंगरवाल, हेमन्त मालू आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए। आभार ज्ञापन भारती मुथा ने किया। इन सभी के साथ शिविर के सफल आयोजन में संयोजिका वसंताजी बाबेल, कुसुमजी चोरड़िया और पूरी टीम का श्रम रहा।

स्व. श्रीमती भंवरी देवी नाहर

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