शत्रुंज्य तीर्थ व विमलनाथ तीर्थ की भाव यात्रा बुधवार को

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बीकानेर, 4 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री विचक्षणश्रीजी, साध्वीश्री चन्द्र्रप्रभा की शिष्या विजय प्रभा, साध्वीश्री चंदन बाला व साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी के सान्निध्य में रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में बुधवार को सुबह नौ बजे से दस बजे तक शत्रुंज्य तीर्थ व भगवान विमलनाथ तीर्थ की भाव यात्रा भक्ति गीतों के साथ की जाएगी।

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साध्वीवृंद के सान्निध्य में श्राविकाओं का पांच दिवसीय शिविर का समापन बुधवार को होगा। भाव यात्रा के कारण बुधवार को श्राविकाओं का शिविर नहीं होगा।साध्वीश्री चंदन बाला ने बताया कि गुजरात के भाव नगर जिले में स्थित पालीताना में शत्रुंजय पहाड़ी पर स्थित जिनालयों का निर्माण 11 वीं शताब्दी से शुरू होकर 900 वर्षों की अवधि में किया गया । जैन धर्म के संरक्षक कुमार पाल सोलंकी ने पहला मंदिर बनाया था।

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आचार्यश्री पीयूष सागर सूरीश्वरजी एवं उनका भी चातुर्मास पालीताणा था। बीकानेर सहित समूचे देश से श्रावक-श्राविकाओं ने पालीताणा पहुंचकर दर्शन वंदन किया। महाराष्ट्र के धुले जिले के गांव बलसाना में स्थित भगवान विमलनाथ तीर्थ की भाव से यात्रा की जाएगी। आयोजन से जुड़ी सुनीता नाहटा ने बताया कि प्रत्येक माह के बुधवार को पिछले काफी समय से शत्रुंज्य तीर्थ व विमलनाथजी भाव यात्रा की जा रही है।

शत्रुंज्य तीर्थ में भाव यात्रा के दौरान भगवान आदिनाथ व दादा गुरुदेव की तथा विमलनाथजी की भाव यात्रा में उनकी स्तुति व वंदना की जाती है तथा भजनों व भावों के माध्यम से तीर्थं का वर्णन किया जाता है।

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