साध्वी विजय प्रभा श्रीजी म.सा. के 55 वें संयम दिवस पर गुणानुवाद सभा
बीकानेर, 11 जून। प्रवर्तनी साध्वीश्री विलक्षण श्री जी की शिष्या साध्वी विजय प्रभा श्रीजी म.सा. का 55 वां संयम दिवस मंगलवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में साध्वीश्री चन्द्र प्रभा की शिष्या साध्वीश्री चंदन बाला सान्निध्य में सामूहिक सामयिक व गुणानुवाद सभा के साथ मनाया गया।
साध्वीश्री चंदन बाला ने कहा कि 81 वर्ष पूर्व विक्रम संवत्् 2000 में पीपाड़ शहर में धर्मनिष्ठ श्राविका मनोहर बाई व सुश्रावक बंशीलाल बोहरा के घर जन्मी चन्द्र कला उर्फ मुनि ने 55 वर्ष पूर्व हैदराबाद में आचार्य पीयूष सागर सूरीश्वरजी के गुरु उदय सागर सूरिश्वरजी के सान्निध्य में साध्वीश्री विचक्षणश्री से दीक्षा ग्रहण की थी।
इन्होंने देव, गुरु व धर्म के प्रति पूर्ण निष्ठा व समर्पण रखते हुए अनेक तपस्याएं व हजारों किलोमीटर की यात्राएं करते हुए श्रेष्ठ संयम धर्म का पालन कर रहीं है। ज्ञान-ध्यान, स्वाध्याय, संयम और जप-तप में लीन रहने वाली साध्वीश्री विजय प्रभा श्रीजी म.सा. ने सदैव गुरु आज्ञा का पालन करते हुए संयम जीवन को सार्थक व सफलता से निभा रही हैं।
इन्होंने सरलता, सहजता और स्वाध्याय निष्ठता से पांच महाव्रतों की पालना करते हुए भगवान श्री महावीर के शासन की प्रभावना में श्रीवृद्धि की है। साध्वीश्री विजय प्रभा श्रीजी ने मंगल पाठ सुनाते हुए सबके मंगलमय, धर्ममय व समता मय जीवन की कामना की। साध्वी मंडल व विचक्षण महिला मंडल ने गीतिकाएं प्रस्तुत की ।