धर्म व सनातन संस्कृति तथा गौ सेवा हमारा परम धर्म है-  शंकराचार्य जी

बीकानेर \सागर, 11 जून।  अपने घर में अपना साम्राज्य होता है, परन्तु बाहर व्यक्ति जाता है और वहाँ प्रतिष्ठा पाता है , उसे प्रतिष्ठा कहा जाता है और वह प्रतिष्ठा धर्म प्रेमी सज्जन ही दे सकता है।
यह उद्गार आज सागर रिड़मलसर ग्राम में सीताराम भांभू के निज निवास पर बद्रीनाथ जगदगुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद  सरस्वती जी महाराज के पादुका पूजन कार्यक्रम के दौरान अपने आर्शावचन में व्यक्त किए।
शंकराचार्य जी ने कहा कि धर्म व सनातन संस्कृति तथा गौ सेवा हमारा परम धर्म है – गौ माता की सेवा से जगत का कल्याण होता है, यह सब धर्मावलम्बी ही समझ सकता है। उन्होंने कहा कि परलोक सुधारने हेतु मनुष्य धर्म नीति का अनुसरण करना चाहिए।
सीताराम भांभू के निवास पर भांभू परिवार ने पादुका पूजन विधि विधान से मंत्रोचारण के साथ किया व शंकराचार्य जी ने घर में गौ माता की सेवा देखकर गौ माता का दर्शन किया और उत्साह से आशीर्वाद दिया। साथ ही घर के प्रांगण में बारह ज्योर्तिलिंग की पूजा स्थल पर स्थापना को देखकर अति प्रसन्न हुए एवं पूजा अर्चना की।
स्वामी शंकाराचार्य जी व आदि शंकराचार्य जी की पादुकाओं को महिलाओं द्वारा कलश यात्रा के साथ मंच स्थल तक ले जाकर स्वागत सत्कार तथा तुलसी दल की माला पहनाकर स्वागत किया। जिसमें सीताराम कमलकिशोर लीलाधारी भांभू व प्रबुद्ध समाज सेवी लोटस डेयरी के अशोक मोदी, चिकित्सा अधिकारी डाॅ. वत्सला गुप्ता, प्राकृतिक चिकित्सा के मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए पूजन व माल्यापर्ण कर पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत किया।
पूजन कार्यक्रम में ग्राम के सैकड़ों गणमान्य नागरिकों महिलाओं के साथ मंगलाराम भांभू, रामेश्वर भांभू, हरिकिशन भांभू, हड़मान भांभू, जेठमल स्वामी, बेगाराम गोदारा, ओम राठी, विष्णुदत्त स्वामी, मुरली बिन्नाणी, हरिकिशन सोखल व जाखड़ा श्याम सोनी, मोहन गोदारा, यशपाल सहारण, रामनारायण गोदारा, मोहन चाहर, बलवेश पुरोहित, लीलाधर स्वामी, शंकर मंगलाव आदि ने उपस्थित होकर पूजा अर्चना की।
bhikharam chandmal

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