आचार्य श्री तुलसी के संदेशों का प्रभाव मेरे जीवन पर है- कानून मंत्री,अर्जुनराम मेघवाल
- आचार्य श्री तुलसी के अवदानों से जैन धर्म का प्रचार विदेशों में हुआ- साध्वी प्रांजल प्रभा जी
- आचार्य श्री तुलसी के अवदानों को कहने,सुनने तक सीमित नहीं रख जीवन में उतारने की आवश्यकता- चरितार्थ प्रभा जी
बीकानेर , 21 जून । आचार्य श्री तुलसी के 28 वें महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी एवं साध्वी प्रांजल प्रभा जी के सानिध्य में शुक्रवार को शांति निकेतन सेवा केन्द्र में ‘आचार्य तुलसी के अवदानों पर व्याख्यान माला ’कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय कानून मंत्री एवं जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय, लाडनूं के कुलाधिपति अर्जुनराम मेघवाल थे। अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी के अनेक संस्मरण हैं, जो उन्हें समय-समय पर प्रेरित करते हैं और उनके संदेशों का प्रभाव में अपने स्वयं के जीवन में महसूस करता हूं। उनके साहित्य का मैंने जब भी अवसर मिला, अध्ययन किया और करता रहता हूं।
इस संदर्भ में उन्होंने एक घटना का स्मरण करते हुए बताया कि 1945 में आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत और अणुबम की तुलना की थी। जो, विश्व की प्रसिद्ध मैग्जिन टाइम में ‘ एटमबम V \S अणुव्रत ’ शीर्षक के साथ प्रकाशित हुई थी। टाइम मैगज़ीन में अणुव्रत आंदोलन का उल्लेख इसे एक महत्वपूर्ण नैतिक और सामाजिक आंदोलन के रूप में की थी । टाइम ने लिखा था कि आचार्य तुलसी द्वारा स्थापित यह आंदोलन व्यक्तिगत और सामूहिक सुधार के माध्यम से समाज में नैतिकता, अनुशासन, और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि यह वो समय था, जब अच्छे- अच्छे नेताओं की खबरें टाइम में प्रकाशित नहीं होती थी और उस वक्त जब इस लेख को जवाहरलाल नेहरु ने पढ़ा तो वह आश्चर्यचकित हुए और आचार्य श्री तुलसी जी के विचारों से नतमस्तक हुए थे।डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने आचार्य तुलसी और नेहरु के मध्य वार्तालाप की मध्यस्तता की थी।
साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी ने आचार्य तुलसी के अवदानों की चर्चा करते हुए समण श्रेणी को आचार्य तुलसी का महान अवदान बताया। जिसके चलते जैन धर्म का विदेशों में प्रचार शुरु हो सका।
चरितार्थ प्रभा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी के अवदानों को सिर्फ कहने और सुनने तक सीमित ना रखकर जीवन में उतारने की आवश्यकता है। वहीं समणी मंजूप्रज्ञा जी ने अल्पअवधी सूचना पर मंत्री बनने के बाद अर्जुनराम मेघवाल के बीकानेर पहुंचते ही अपने पहले कार्यक्रम में उपस्थित होने पर आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान की ओर से मुख्य ट्रस्टी गणेश बोथरा, अध्यक्ष हंसराज डागा, मंत्री दीपक आंचलिया, निवर्तमान अध्यक्ष महावीर रांका ने अर्जुनराम मेघवाल को तुलसी साहित्य भेंट कर एवं जैन प्रतीक चिन्ह पहनाकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संयोजन ममता रांका ने किया। वहीं जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के जैन लूणकरण छाजेड़ , अमरचन्द सोनी, जतनलाल संचेती , रतनलाल छलाणी , शान्तिलाल पुगलिया एवं कई सदस्यों ने जैन पताका भेंट कर कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का अभिनन्दन किया।
तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ महिला मंडल द्वारा भी कानून मंत्री का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सभी संस्थाओं के प्रतिनिधि, समाज के गणमान्यजन और पदाधिकारी मौजूद रहे।
मंत्री दीपक आंचलिया ने बताया कि शनिवार 22 जून को सांय 5 बजे आशीर्वाद भवन में प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें शहर के प्रसिद्ध साहित्यकार,अधिवक्ता, चार्टेड अकाउंटेट, चिकित्सक शामिल होंगे।