प्रवर्तिनी साध्वीश्री शशि प्रभा के दुर्घटनावश देवलोकगमन पर बीकानेर में शोक की लहर छा गई
बीकानेर, 26 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वयोवृद्ध साध्वी, प्रवर्तिनी शशि प्रभा जी म.सा. के बुधवार को पासकुंडा , कालाघाट के पास सड़क दुर्घटना में देवलोक गमन हो गया। वे 80 वर्ष की थीं। उनकी शिष्या साध्वीश्री जागृत प्रभाश्रीजी भी गंभीर रूप् से घायल हो गई उनका ईलाज कोलकाता के अस्पताल में चल रहा है। साध्वी सज्जनश्रीजी की शिष्या साध्वी शशि प्रभा अपने सहवृति साध्वीवृंद के साथ कोलकाता से विहार कर खडगपुर जा रहीं थी। खडगपुर से लगभग 40 किलोमीटर पहले सूर्योदय के पौन घंटे बाद यह दुर्घटना हुई।
बीकानेर में अनेक बार चातुर्मास कर चुकी, अनेक देव, गुरु व धर्म के कार्य करवाने वाली शशि प्रभा के अचानक अरिहंत शरण होने पर बीकानेर में श्रावक-श्राविकाओं में शोक की लहर छा गई। वे बड़ी संख्या में श्राविकाओं की गुरु थी। उनके निधन के समाचार सुनकर श्रावक-श्राविकाओं ने उनकी आत्म शांति व मोक्ष तथा घायल साध्वीजी के शीध्र स्वस्थ होने के लिए मंत्र जाप तथा उपवास व अन्य तपस्याएं प्रारम्भ की।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गच्छाधिपति आचार्य जिन मणिप्रभ सूरीजी ने अकोला से भेजे संदेश में कहा कि प्रवर्तिनीवर्या सज्जन संघ रत्ना शशि प्रभा श्रीजी म.सा. का स्वर्गवास शासन, गच्छ व समुदाय के लिए अत्यन्त दुःख दायक, पीड़ाकारी घटना है। उनके निधन से जिन शासन की बहुत बड़ी क्षति हुई है। उनके पार्थिव देह का अंतिम संस्कार खड़गपुर में गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे होगा। देश के सभी सकलश्रीसंघ में गुणानुवाद सभा, देववंदनादि विधान कर उनकी आत्म शांति व मोक्ष की प्रार्थना करें।
बीकानेर में चातुर्मास कर रहे आचार्यश्री पीयूष सागर सूरीश्वरजी ने कहा कि शशि प्रभाश्रीजी के देवलोक गमन से जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ ही नहीं समूचे जैन जगत में अपूर्णीय क्षति हुई है। वे संघ की यशस्वी, तेजस्वी व ओजस्वी तथा देव, गुरु व धर्म में समर्पित साध्वी थीं। साध्वीश्री चन्द्र प्रभा की शिष्या चंदन बाला आदि ठाणा, साध्वीश्री मनोहर श्रीजी की शिष्या साध्वीश्री मृगावती सहित बीकानेर में मौजूद 18 साध्विंयों व आचार्यश्री के सहवृति 18 मुनियों ने साध्वीश्री शशि प्रभा के निधन को खरतरगच्छ संघ में अपूर्णीय क्षति बताते हुए उनका आत्म वंदन किया।
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, सदस्य मनोज सेठिया, महावीर सिंह खजांची, राजेन्द्र लूणिया, हस्तीमल सेठी श्री खरतरगच्छ युवा परिषद के संरक्षक पवन पारख,अध्यक्ष राजीव खजांची, मंत्री अनिल सुराणा, श्री जिनेश्वर युवक संघ के अध्यक्ष संदीप मुसरफ, मंत्री मनीष नाहटा, ज्ञान वाटिका की प्रभारी सुनीता नाहटा, सामायिक मंडल की संतोष नाहटा, विचक्षण महिला मंडल की वरिष्ठ श्राविका मूलाबाई दुग्गड, श्रीमती अंजू देवी मुसरफ, दिल्ली प्रवासी बीकानेर निवासी विनीता बैद मुसरफ, सूरत प्रवासी श्रीमती सुधा मालू, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के पूर्व अध्यक्ष तन सुखराय नाहटा, श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष अजीत मल कोठारी सहित अन्य पदाधिकारियों ने शशि प्रभा के देवलोक गमन पर चिंता व्यक्त करते हुए आत्म शांति की प्रार्थना की।
साध्वीश्री का परिचय-
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल ने बताया कि साध्वीश्री शशि प्रभ का जन्म फलौदी नगर में विक्रम संवत 2001 (80वर्ष) पूर्व भाद्रपद वदि अमावस्या को श्री ताराचंदजी की धर्म पत्नी बाला देवी गोलेच्छा की रत्नकुक्षि से हुआ था। साध्वीश्री का सांसारिक नाम किरण था। उन्होंने मात्र 13 वर्ष की आयु में विक्रम संवत 2014 मिगसर वदि छठ को (67 वर्ष पूर्व) ब्यावर में प्रवर्तिनी साध्वीश्री सज्जनश्रीजी म.सा. से दीक्षा ली। संस्कृत व्याकरण व तत्वज्ञान के विशिष्ट अभ्यासी शशि प्रभा श्रीजी की प्रेरणा से शासन के अनेक कार्य हुए। सिद्धाचल, पालीताणा की पावन भूमि पर स्थित अति प्राचीन बाबू माधोलाल धर्मशाला के साचा सुमति नाथ मंदिर का जीर्णोंद्धार, अस्पताल, कोलकाता स्थित जिनेश्वर भवन व जिन मंदिर का जीर्णोंद्धार व विकास, जयपुर के कटला मंदिर का जीर्णोंद्धार, मानसरोवर में जिन मंदिर व दादाबाड़ी, अजीमगंज की दादाबाड़ी का जीर्णोंद्धार कार्य करवाएं।
बीकानेर में देव, गुरु व धर्म जागृति के अनेक कार्य
प्रतिदिन एकासने की तपस्या करने वाली, सदा तप, ध्यान व जाप में निरन्तर मग्न रहने वाली, गर्मी के मौसम में भी अपने नियम की पालना करते हुए दोपहर एक बजे के बाद ही पानी का उपयोग करने वाली साध्वीश्री शशि प्रभा ने बीकानेर में अनेकबार चातुर्मास किए। चातुर्मास में वे प्रवचन में कहती पाप कर्म से बचे तथा पुण्यों का अर्जन करें।
श्री खरतरगच्छ युवा परिषद की अगुवाई में 2019 में साध्वीश्री शशि प्रभा ने ढढ्ढा कोटड़ी में चातुर्मास किया। चातुर्मास के दौरान उन्हें बच्चों को देव, गुरु व धर्म से जोड़ने के लिए खरतरगच्छ ज्ञान वाटिका को सक्रिय किया। श्रावक-श्राविकाओं को नियमित जिनालयों में दर्शन करने तथा सप्ताह में एक दिन स्वेच्छा से जिनालयों में श्रमदान कर उसकी साफ सुथरा व स्वच्छ बनाने की प्रेरणा दी। अनेक श्रावक-श्राविकाओं को उपवास, बेला, तेला, मासखमण की तपस्याएं करवाई। दिल्ली प्रवासी विनीता बैद मुसरफ ने बताया कि 1994 में साध्वीश्री शशि प्रभा ने आत्म बल बढ़ाते हुए अट्ठाई की तपस्या देव गुरु की साधना व भक्ति के साथ सुगमता से करवा दी।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री शशि प्रभाश्रीजी.म.सा. के सान्निध्य में 9 व 10 नवम्बर 2019 को श्री खरतरगच्छ युवा परिषद, खरतरगच्छ महिला परिषद, ज्ञान वाटिका के बच्चे और बीकानेर के श्रावक-श्राविकाएं जैंन मंदिरों में स्वच्छता व सौन्दर्यकरण अभियान के लिए श्रमदान शुरू करते हुए अनेक मंदिरों में श्रमदान किया। ज्ञान वाटिका के बच्चों ने श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के सहयोग से बीकानेर में मंदिरों में पिछले डेढ वर्षों में स्नात्र पूजा की।
स्वर्गीय शशि प्रभाश्रीजी का कहना था की मंदिर में दर्शन मात्र से पुण्य होता है। स्वच्छता व सौन्दर्यकरण अभियान में सेवाभाव से श्रमदान करने से पुण्यों का अर्जन और पापकर्मों का विसर्जन होता है। जैन मंदिर जैन समाज ही नहीं बीकानेर, राजस्थान की धरोहर है।
सरकारी स्कूलों में कमरे निर्माण का प्रस्ताव
खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री शशि प्रभाश्रीजी.म.सा. ने 15 नवम्बर 2019 को रेलदादाबाड़ी में दर्शन वंदन करने आए पूर्व उर्जा मंत्री डॉ. बुलाकी दास कल्ला कहा कि सर्व जैन समाज के साधु-साध्वियों के विचरण के समय एक-दो दिन के अस्थाई प्रवास के लिए जैन समाज का एक ट्रस्ट राजस्थान में हाई वे की सभी स्कूलों में पक्के कमरें का निर्माण करवाने में सरकार स्तर पर सहयोग करने, राजस्थान के सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में भगवान महावीर के सिद्धान्तों व जीवन आदर्शों, विशेषकर ’’अहिंसा परमोः धर्म’’ को शामिल करने और भगवान महावीर पर पी.एच.डी. सभी विश्व विद्यालयों से विद्यार्थियों को करवाने का प्रस्ताव रखा। उनकी प्रेरणा से डूंगर कॉलेज बीकानेर में भगवान महावीर के सिद्धान्तों व जैन धर्म पर आधारित पाठयक्रम शुरू हुए। अनेक सरकारी स्कूलों में पक्के कमरों का भी निर्माण हुआ।
बीमार, लाचार श्रावकों के घर जाकर उनको पूजन करवाया
श्री खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष राजीव खजांची व तत्कालीन मंत्री मनीष नाहटा ने बताया कि प्रवर्तिनी साध्वीश्री शशि प्रभा के चातुर्मास काल में अनेक अनुकरणीय व प्रेरणादायक कार्यक्रम हुए। विशेषकर सरस्वती महापूजन, मंदिरों में श्रमदान से स्वच्छता अभियान और बीमार, लाचार श्रावकों के घर जाकर उनको पूजन करवाने सहित सभी कार्यक्रम अनुकरणीय रहे। सरस्वती जाप व बाल संस्कार शिविर में जैन समाज के साथ दूसरे समाज वर्ग के लोगांं ने भी हिस्सा लेकर लाभ लिया। उन्होंने कहा कि विद्या प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों के लिए देवी सरस्वती के बीज मंत्र ऊं ऐं सरस्वती नमःः’’ का जाप अनुकरणी रहा है। मंत्र जाप से बुद्धि कुशाग्र व तेज होती है तथा बच्चों का पढ़ने में मन लगता है।
थार एक्सप्रेस परिवार उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करता है.