आचार्य श्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी ढढ्ढा चौक पहुंचे , साध्वी वृंद का चातुर्मास के लिए विहार
बीकानेर, 2 जुलाई। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्यश्री पीयूष सागर सूरीश्वरजी मंगलवार को श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर के प्रतिष्ठा व अंजन शलाका विधान श्रद्धा व भक्ति भाव से करवाकर अपने सहवृति मुनियों के साथ बीकानेर पहुंचे। उन्होंने नाल में भगवान मुनिव्रत स्वामी की प्रतिमा को नये मंदिर में प्रतिष्ठित करने के संबंध में चर्चा की । आचार्यश्री का चातुर्मासिक प्रवेश 16 जुलाई को है।
आचार्यश्री के निर्देशानुसार उनके सहवृति मुनि मुनिव्रत स्वामी मंदिर -नाल, पांचू व उदयरामसर आदि मंदिरों में दर्शन वंदन करने के लिए एक-दो दिन में विहार करेंगे। उधर बीकानेर मूल की प्रवर्तिनी साध्वीश्री चन्द्रप्रभा की शिष्या साध्वीश्री चंदन बाला अपनी सहवृति 9 साध्वियों के साथ पाली में चातुर्मास के लिए विहार किया। उनका मंगलवार को प्रवास देशनोक होते हुए रासीसर रहा।
वहीं साध्वीश्री मनोहरश्रीजी की शिष्या साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी आदि ठाणा तीन का चातुर्मास नागौर में है, उन्होंने मंगलवार को रेल दादाबाड़ी होते विहार किया। बुधवार को उनका उदयरामसर होते हुए नागौर की ओर विहार का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि बीकानेर में आचार्यश्री सहित 18 मुनियों के साथ 5 साध्वीवृंद का चातुर्मास होगा। साध्वीश्री विचक्षणश्रीजी की शिष्या साध्वीश्री विजय प्रभा, बीकानेर मूल की साध्वी प्रभंजनाश्रीजी, सुव्रताश्रीजी (दोनों सांसारिक बहनें), साध्वीश्री चिदयशा श्रीजी व नव दीक्षित साध्वीश्री कृतार्थ निधिजी का चातुर्मास बीकानेर में होगा। चातुर्मास काल के दौरान उनका प्रवास रांगड़ी चौक सुगनजी महाराज के उपासरे में रहेगा।