बीकानेर के 6 सरकारी समाचार
जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक सोमवार को
बीकानेर, 12 जुलाई। जल जीवन मिशन कार्यों की समीक्षा बैठक 15 जुलाई को प्रातः 11 बजे जिला कलेक्टर तथा जल एवं स्वच्छता मिशन अध्यक्ष नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जाएगी। जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश पुरोहित ने यह जानकारी दी।
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कृषकों को पुरस्कृत करने के लिए आवेदन आमंत्रित , 31 अगस्त तक कर सकेंगे आवेदन
बीकानेर, 12 जुलाई। कृषि उन्नति योजना के कृषि विस्तार पर उपमिशन आत्मा योजनान्तर्गत वर्ष 2024-25 में राज्य, जिला तथा पंचायत समिति स्तर पर विभिन्न कृषि उद्यमों के श्रेष्ठ कृषकों को पुरस्कृत करने के लिए 31 अगस्त तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। परियोजना निदेशक (आत्मा) कैलाश चौधरी ने बताया कि इस पुरस्कार हेतु प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर पांच कृषकों का चयन प्रत्येक गतिविधिवार अलग-अलग किया जाएगा।
चौधरी ने बताया कि कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन डेयरी व मत्स्य पालन, जैविक खेती तथा नवाचारी खेती श्रेणी में कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण एवं मूल्य सवंर्धन आदि गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों में से एक-एक कृषक का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर कुल 5 कृषकों का चयन प्रत्येक गतिविधिवार किया जाएगा। पंचायत समिति स्तर पर चयनित कृषकों में से 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों को (प्रत्येक गतिविधि हेतु 2 सर्वश्रेष्ठ कृषक) जिला स्तर पर चयनित किया जायेगा तथा प्रदेश के समस्त जिलों से चयनित कृषकों में से राज्य स्तर पर 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों का (प्रथम एवं द्वितीय स्तर पर 5-5 कुल 10) चयन होगा। उन्होंने बताया कि पुरस्कार हेतु प्रत्येक गतिविधिवार पंचायत समिति स्तर पर राशि 10 हजार रुपये, जिला स्तर पर राशि 25 हजार रुपये एवं राज्य स्तर पर राशि 50 हजार रुपये देने का प्रावधान है। पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर सम्मानित किये जाने वाले कृषकों का चयन आत्मा योजना में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित शाषी परिषद द्वारा किया जायेगा। आत्मा योजना के तहत गत वर्षो में पुरस्कृत कृषकों का चयन दुबारा नहीं किया जायेगा। कृषकों को एक बार ही इस योजना के अन्तर्गत सम्मानित किये जाने का प्रावधान है। जिन कृषकों को पूर्व में आत्मा योजनान्तर्गत किसी भी स्तर पर चयनित किया जा चुका है, वह कृषक पुनः आवेदन के पात्र नहीं होगें।
चौधरी ने बताया कि इस योजना के तहत कृषक स्वयं या निर्वाचित जन प्रतिनिधि या कोई अन्य व्यक्ति/संस्था योग्य कृषक के प्रस्ताव उसके द्वारा कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ठ कार्यो का विवरण मय 5-7 फोटोग्राफ्स मय सीडी सहित प्रस्तुत करते हुये नाम प्रस्तावित कर सकते है। उन्होंने बताया कि कृषि गतिविधि में वे कृषक जो कृषि विभाग द्वारा निर्धारित 21 मूल मंत्र की पालना, समग्र कृषि गतिविधियों यथा प्रमाणित बीज प्रयोग, बीज उपचार, फार्म मशीनरी, कृषि विभाग की पैकेज ऑफ प्रेक्टिसेज अपनाते हुए खेती करना एवं हाईटेक कृषि करते हुए गुणवत्तायुक्त उत्पादन लेते हों, उन्हीे कृषकों को चयन में वरीयता दी जायेगी। उद्यानिकी में हाईटेक उद्यानिकी या माइक्रो इरिगेशन द्वारा सिंचाई, वृक्षो की आपसी दूरी तथा कटाई पश्चात प्रबन्धन करने, सब्जियों की खेती करने वाले, फल बगीचा स्थापना मय ड्रिप व फसलोत्तर प्रबन्धन करने वाले कृषकों को वरीयता दी जायेगी। चौधरी ने बताया कि पशुपालन, डेयरी व मत्स्य में पशुपालन में उन्नत नस्ल के पशु, अच्छा पशु स्वास्थ्य, नियमित टीकाकरण, पशुओं को संतुलित आहार, कृत्रिम गर्भाधान, दुग्ध उत्पादन आदि व मत्स्य पालन के अन्तर्गत मछली पालन का उत्कृष्ट कार्य करने वालों को जिसमें अच्छी किस्म का मछली बीज काम में लिया गया हो ऐसे कृषकों को वरीयता दी जावेगी। चौधरी ने बताया कि जैविक श्रेणी में कम्पोस्ट निर्माण, बीजामृत, वर्मीवॉश, जैविक उत्पाद का निर्माण व विपणन आदि जैविक खेती के उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषको को वरीयता दी जायेगी तथा नवाचारी खेती व प्रंसस्करण में मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, अजोला की खेती आदि अनेक नवाचारी गतिविधियां जो कृषि के क्षेत्र में नया हो तथा जो कृषक कृषि आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन का कार्य कर रहे है उन्हीे कृषकों को चयन में वरीयता दी जायेगी।
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पालनहार योजना के लाभार्थियों को करवाना होगा पंजीयन
बीकानेर, 12 जुलाई। पालनहार योजना के तहत शैक्षणिक सत्र-2023-24 के लिए जिले में लाभांवित हो रहे कुल 13 हजार 568 बच्चों का वार्षिक सत्यापन किया जाना है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एल.डी.पंवार ने बताया कि अब तक 12 हजार 917 का वार्षिक सत्यापन किया जा चुका है तथा 651 लाभार्थियों का वार्षिक सत्यापन शेष है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत बच्चों का वार्षिक सत्यापन किया जाना अनिवार्य है।
संयुक्त निदेशक एल.डी.पंवार ने बताया कि शाला दर्पण पोर्टल पर आधार नम्बर अपडेट किये गये बच्चों का शाला दर्पण से स्वतः वार्षिक सत्यापन हो जायेगा। उन्हें अलग से सत्यापन करवाने की आवष्यकता नहीं है। जिन बच्चों के आधार नम्बर शाला दर्पण पर अपडेट नहीं है, उनके आधार नम्बर शाला दर्पण पर अपडेट करवाये जाने है। इसके अतिरिक्त एसजेएडी पालनहार स्कीम एप के माध्यम से फेस रिकग्निशिन प्रक्रिया के द्वारा शेष रहे पालनहारों, बच्चों का सत्यापन एवं नवीनीकरण करवाया जा सकता है। जिन पालनहारों एवं बच्चों का वेबसर्विस तथा एप के माध्यम से वार्षिक भौतिक सत्यापन अथवा नवीनीकरण नहीं किया गया है, ऐसे पालनहारों एवं बच्चों का पृथक से ई-मित्र कियोस्क केन्द्र पर अध्ययनरत प्रमाण पत्र अपलोड कर अथवा विभाग के संबंधित ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा कार्यालय में जाकर वार्षिक भौतक सत्यापन करवाये जाने का प्रावधान है।
पालनहार योजना के तहत 0 से 6 वर्ष तक के बालक एवं बालिकाओं को 750 रुपये प्रतिमाह (अनाथ श्रेणी में 1 हजार 500 रुपए प्रतिमाह), 6 से 18 वर्ष तक के बालक एवं बालिकाओं को 1 हजार 500 रुपए प्रतिमाह (अनाथ श्रेणी में 2 हजार 500 रुपए प्रतिमाह) एवं 2 हजार रुपये वार्षिक अतिरिक्त एकमुश्त देय (विधवा एवं नाता पालनहार में देय नही) है।
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प्रदेश में 4 करोड़ 35 लाख लाभार्थियो को मिल रहा है खाद्य सुरक्षा का लाभ-सुमित गोदारा , 1 लाख 66 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारी भी जोड़े गए
जयपुर/ बीकानेर, 12 जुलाई। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश की 4 करोड 46 लाख की सीलिंग सीमा में से 4 करोड 35 लाख लाभार्थियों को लाभ दिया जा रहा है। अधिनियम के तहत साढे दस लाख वंचित स्थान में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारी 1 लाख 66 हजार दिव्यांगजनों का नाम जोड़ दिया गया है जिन्हें भी अब इस योजना का लाभ मिलना प्रारम्भ होगा। साथ ही केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार 23 हजार 172 सहरिया जनजाति के लोगों के नाम जोडने की प्रकिया अंतिम चरण में है ।
इसके अतिरिक्त पात्र 1 लाख 50 हजार विशेष योग्यजन जिनकी जनआधार से ई के वाई सी नहीं हुई है उन्हें भी ईकेवाईसी के पश्चात योजना से जोड़ा जाएगा। गोदारा ने बताया कि इसके बाद प्रदेश की सीलिंग सीमा में करीब सात लाख स्थान रिक्त रहेंगे जिन पर 13 लाख 90 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं उन्हें जोड़ने की प्रकिया जारी है तथा जल्द ही जोड़ दिया जाएगा ।विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में शुक्रवार को गोदारा ने यह जानकारी दी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोदारा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजनान्तर्गत प्रदेश की 2011 की जनसंख्या के अनुसार लाभर्थियों की सीलिंग तय है। राज्य के कवरेज में कोई भी संशोधन अगली जनसंख्या के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद ही हो सकेगा। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में नई उचित मूल्य दुकानें आवंटन के सम्बंध में एक अन्य प्रश्न के जवाब देते हुए गोदारा ने बताया कि आवंटन सलाहाकार समिति का गठन शीघ्र किया जाएगा। समिति गठन के बाद उचित मूल्य दुकानों के सम्बंध में नए प्रस्ताव लिए जाएंगे।
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शनिवार को आएंगे मंत्री श्री गोदारा
बीकानेर, 12 जुलाई। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मंत्री श्री सुमित गोदारा शनिवार सायं 5:15 बजे जयपुर से प्रस्थान कर रात्रि 11:30 बजे बीकानेर पहुंचेंगे। श्री गोदारा रात्रि विश्राम बीकानेर स्थित निजी आवास में करेंगे तथा रविवार प्रातः 8:30 बजे श्रीगंगानगर के लिए प्रस्थान करेंगे।
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नाबार्ड के स्थापना दिवस पर किया पौधारोपण
बीकानेर, 12 जुलाई। नाबार्ड के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को अशोक नगर में नाबार्ड, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक तथा रघुकुल फाउंडेशन नोखा के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को जाल, नीम, शीशम तथा अन्य ग्यारह सौ छायादार पौधे लगाने का कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहन लाल थे। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा आज लगाये जाने वाला पौधा ही सुनहरे भविष्य की पहचान है। इसके मद्देनजर प्रत्येक व्यक्ति अपने घर के सामने कम से कम एक पौधा लगाने का संकल्प लें और सुनहरे भविष्य के निर्माण में योगदान दें। इस अवसर पर रघुकुल फाउंडेशन नोखा द्वारा पौधारोपण संकल्प यात्रा के माध्यम से स्थानीय प्रतिनिधियों को पौधारोपण के लिए प्रेरित किया।
इसी क्रम सारस्वत एग्रोकोम के शिव सारस्वत ने नाबार्ड के माध्यम से नई कालोनियों में पौध रोपण के लिए आभार जताया। नाबार्ड के स्थापना दिवस के उपलक्ष में आयोजित सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम के माध्यम से वृक्षों की सुरक्षा तथा मानव जीवन में इनके लाभ पर प्रकाश डालते हुए मुद्रा रथ के माध्यम से वित्तीय जागरुकता के बारे में विस्तार से बताया। नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक रमेश तांबिया द्वारा पौधे संरक्षित करने का आह्वान किया गया। जिससे आने वाली पीढ़ी इसके महत्व को समझे तथा प्रकृति के लिए अपनी जिम्मेवारी निभाये। कार्यक्रम का संचालन रामरतन जाखड ने किया। कार्यक्रम में सभी आगंतुकों को एक-एक पौधा दिया गया।
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