40,00,00,000 ,000 करोड़ सम्पति को छोड़ भिक्षु बना युवक
नई दिल्ली , 16 जुलाई। वेन अजान सिरिपान्यो ऐशोआराम की जिंदगी छोड़ भिक्षु बन चुके हैं। वह अरबपति के बेटे हैं। उनके पिता आनंद कृष्णन टेलीकॉम दिग्गज रहे हैं। उनकी संपत्ति लगभग 40,000 करोड़ रुपये है। सिरिपान्यो को अपने पिता के विशाल कारोबारी साम्राज्य का उत्तराधिकारी बनना था। लेकिन, उन्होंने सादगी का जीवन चुना।
आनंद कृष्णन को AK के नाम से भी जाना जाता है। टेलीकॉम, मीडिया, तेल और गैस, रियल एस्टेट और सैटेलाइन जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में वह कारोबार करते हैं। उनकी कंपनियों में एयरसेल भी शामिल थी। वही एयरसेल जो कभी IPL टीम चेन्नई सुपर किंग्स की प्रायोजक थी। अपनी संपत्ति के कारण कृष्णन मलेशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं।
सिरिपान्यो 18 साल की उम्र में भिक्षु बन गए
एक बौद्ध और समाजसेवी होने के नाते आनंद कृष्णन शिक्षा और मानवीय कार्यों के लिए दान करते हैं। कहा जाता है कि उनके बेटे सिरिपान्यो ने केवल 18 साल की उम्र में भिक्षु बनने का फैसला किया। हालांकि, उनके इस फैसले के पीछे के कारणों के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि उन्होंने एक रिट्रीट के दौरान ‘मजे के लिए’ साधु जीवन अपनाया था। हालांकि, यह अस्थायी प्रयास अंत में स्थायी बन गया। अपने पिता के करोड़ों के साम्राज्य को चलाने के बजाय सिरिपान्यो ने सादगी का जीवन जीने और भिक्षा मांगने का फैसला किया।
विरासत में मिलने वाली थी सारी दौलत
दो दशक से भी अधिक समय हो गया है जब सिरिपान्यो ने उस सारी दौलत का त्याग कर दिया जो उन्हें विरासत में मिलने वाली थी। एक भिक्षु के रूप में वह जंगल में रहने लगे। वह थाईलैंड के दताओ डम मठ के मठाधीश हैं। यह भी दावा किया जाता है कि भिक्षु अपनी मां की ओर से थाई शाही परिवार के वंशज हैं।
सिरिपान्यो के शुरुआती जीवन के बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि उनका पालन-पोषण उनकी 2 बहनों के साथ ब्रिटेन में हुआ था।