अवगुणों को हटाकर मस्तिष्क को परिष्कृत करती है गीता-स्वामी समानन्दगिरि

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बीकानेर, 17 जुलाई । श्रीमती शशिबाला मित्तल स्मृति चेरिटेबल ट्रस्ट, बीकानेर द्वारा स्व. जलज सेन (रिंकू) की पावन स्मृति में आयोजित छठी ऑनलाईन श्रीमद्भगवद्गीता-ज्ञान-प्रश्नोत्तरी के विजेता प्रतिभागियों भाग्यश्री राठौड़, राधा दर्जी, मनीषा पंचारिया और हेमांग राठौड़ को तरुण कम्प्यूटर्स श्रीकोलायत के ज्ञान केन्द्र पर प्रशांस-पत्र, नकद पुरस्कार एवं सद्साहित्य प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी विवेक मित्तल ने बताया कि यह पुरस्कार महेश्वर से पधारे श्री सन्तमातृका नार्मदीय वेद सेवा मठ के महन्त स्वामी समानन्दगिरिजी महाराज द्वारा प्रदान किये गये। उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद करते हुए समानन्दगिरिजी ने कहा कि अगर कम्प्यूटर में वायरस आ जाता है तो हम एण्टी वायरस का प्रयोग करके कम्प्यूटर की सुरक्षा करते हैं ठीक उसी प्रकार श्रीमद्भगवद्गीता मनुष्य के मन-मस्तिष्क में आये विकारों को, अवगुणों को हटाकर उसे परिष्कृत करती है, अन्तःकरण को शुद्ध बनाती है।

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अगर हम सभी जीवन में गीता का आश्रय लेकर सतपथ पर चलें और सतकर्म करते रहें जो राष्ट्र उन्नति के शिखर पर पहुंच जायेगा। प्रश्नोत्तरी आयोजन के सहयोगी तरुण राठौड़ ने बताया कि इस प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र प्रेषित किया जा चुका है, शेष विजेता प्रतिभागियों को भी शीघ्र की उनके पुरस्कार प्रदान कर दिये जायेगे। इस अवसर पर मनसुख भाई, रमेश जोशी, गणेश सहित ज्ञानकेन्द्र के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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