जैन विश्व भारती के कई आयामों के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल,अर्जुनराम मेघवाल व गुलाब कोठरी

नागौर , 17 जुलाई । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आज लाडनूं दौरे पर रहे, जहां उन्होंने जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय में विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जबकि राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम को संबोधित किया।

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मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि यहां मुझे शिलान्यास का अवसर मिला है। यहां से मेरा पुराना रिश्ता है। उन्होंने जैन संतों की पावन धरा को नमन करते हुए कहा कि आचार्य महाश्रमण वर्ष 2026 में यहां एक साल के लिए प्रवास करेंगे, यह समाज के साथ पूरे प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ का देश के हिंदी साहित्यकारों में प्रमुख स्थान है। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी की सहजता एवं पवित्रता से उनमें महात्मा का दर्शन होता है। उनके आध्यात्मिक संरक्षण में जैन विश्व भारती विकास की ओर निरंतर गतिमान है। उन्होंने जैन विश्व भारती संस्थान के सात सूत्रीय मंत्र की बात करते हुए कहा कि यह जैन धर्म के संरक्षण का काम कर रही है। सीएम शर्मा ने नालंदा विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नया जीवनदान दिया है।

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मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि यहां मुझे शिलान्यास का अवसर मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन विश्व भारती संस्कृति के संरक्षण का काम कर रही है. अध्यात्म के लिए समर्पित है एक मात्र विश्वविद्यालय है. जैन विश्व भारती की स्थापना के पीछे महान सोच रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा संस्थान से पहले भी जुड़ाव रहा है. मैंने तीन दिवस का प्रवास भी यहां किया. जहां संतों के पदचिन्ह पड़ते हैं वह धरती धन्य हो जाती. आचार्य तुलसी को याद करते हुए सीएम ने कहा कि वो अणुव्रत के प्रवर्तक थे और समाज को एक नई दिशा दी.

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भजनलाल शर्मा ने कहा कि मैं चुनाव के दौरान महाराष्ट्र गया था. वहां मुझे महाश्रमण जी महाराज से मिलना का अवसर मिला. उनके लाडनूं में आने से सिर्फ लाडनूं ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान के लिए एक गौरव का क्षण होगा. जैन विश्व भारती का मूल मंत्र मानव की सेवा करना ही लक्ष्य है. जैन विश्व भारती में प्राचीन भाषा और लिपि का भी संरक्षण किया जा रहा है.

शर्मा ने कहा कि आचार्य तुलसी ने आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना का काम किया। इसका लाभ पूरे समाज को मिला। मुख्यमंत्री ने पावन धरा से प्रदेश के विकास और प्रगति की कामना की। उन्होंने अणुव्रत आंदोलन के जरिये मानव धर्म का व्यावहारिक स्वरूप लोगों के सामने रखा तथा समाज को अंधविश्वास, रूढ़िवादिता और पूर्वाग्रह से मुक्त किया।

श्री शर्मा ने कहा कि आचार्यश्री ने भौतिकवाद की तरफ बढ़ते मानव को अध्यात्मवाद की तरफ मोड़ा। मानव समाज की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का जागरण करना उनके जीवन का परम लक्ष्य था।उन्होंने कहा कि हमारी प्रदेश की कार्यसमिति की बैठक यहां हुई. उसका असर हुआ कि चुनावों में हमारी सरकार बनकर आई।

जैन विश्व भारती मानव कल्याण के लिए समर्पित संस्थान- अर्जुनराम मेघवाल 

शिलान्यास कार्यक्रम में केन्द्रीय कानून एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा जैन विश्व भारती संस्थान के कुलाधिपति अर्जुनराम मेघवाल ने अणुव्रत पर प्रकाश डाला और कहा कि इसकी स्थापना करने वाले आचार्यश्री तुलसी ने समाज की कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि जैन विश्व भारती मानव कल्याण के लिए समर्पित संस्थान है।

विधि मंत्री एवं जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अर्जुनराम मेघवाल ने भी जैविभा विश्वविद्यालय की सराहना की और कहा कि यहां करीब 7-8 करोड़ की लागत से नेचुरोपैथी सेंटर बनाया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इसमें नेचुरोपैथी के सब्जेक्ट शुरू करने के लिए राज्य सरकार एनओसी प्रदान करे। इस पर मुख्यमंत्री ने बैठे-बैठे ही अपनी सहमति दे दी।

अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि आचार्य तुलसी ने 1949 में अणुव्रत गीत लिखा, जो दिल्ली तक गूंजा। उनके अणुव्रत में अणु बम जितना प्रभाव था, लेकिन सकारात्मक। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने का काम किया।

जीवन की सार्थकता देने में है : गुलाब कोठारी

राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यहां जो बैठे हैं उनकी आंखों में देने का भाव है। धर्म हमें देना सिखाता है। कोठारी ने कहा कि हमें पेङ़ बन जाना है, बीज से पेङ़ बनता है, पेङ़ बनने के लिए अपना दान करना पङेगा, जमीन में गङऩा पङ़ेगा, अपना अस्तित्व गंवाना पङ़ेगा, तभी पेङ़ बन पाएंगे और दूसरों को फल व छाया दे सकेंगे।

उन्होंने कहा कि कोई भी पेङ़ अपना फल खा नहीं सकता, जो अपने फल खाने की इच्छा रखता है, वो समाज को कुछ नहीं दे सकता। कोई भी टहनी, पत्ता, तना खुद के लिए काम नहीं करते हैं। सब अपना अपना कर्म करते हैं। कोठारी ने आगे कहा कि जीवन को अगर सार्थकता देनी है, तो वो देने में ही है। अभी एक ही काम बाकी है, वो है विश्व को कुछ देने का काम है, जो अभी शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने संस्थान में विकास कार्यों के शिलान्यास की व सबको बधाई दी।

उन्होंने कहा कि बड़े- बड़े काम हो रहे हैं और सब मिलकर कर रहे हैं। हम जो कुछ समाज के लिए कर रहे हैं वो परोक्ष रूप से अपने लिए ही कर रहे है। कोठारी ने कहा कि नई पीढी को एक बात समझ लेनी चाहिए कि विकास करें, लेकिन जड़ को नहीं छोड़ें। हमारी जड़ जमीन में गड़ी रहनी चाहिए।

 

मुख्यमंत्री, अर्जुनराम मेघवाल  ने मुनिश्री जयकुमार का आशीर्वाद लिया

जैन विश्व भारती परिसर में वृक्षारोपण किया

इस दौरान मुख्यमंत्री ने मुनिश्री जयकुमार का आशीर्वाद लिया और जैन विश्व भारती परिसर में वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार, राजस्व राज्यमंत्री श्री विजय सिंह, राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सी. आर. चौधरी, विधायक श्री लक्ष्मणराम कलरु, पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा, जैन विश्व भारती के अध्यक्ष श्री अमरचंद लुंकड़ व पदाधिकारीगण , जैन विश्व भारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दुगड़ , अजय चोपड़ा , सहित संत-महात्मा, जैन समाज के गणमान्य लोग एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने बताया कि देश में जब कहीं भी योग का विषय नहीं था, तब 1987 में यह पहला विश्वविद्यालय था, जिसने योग विभाग अलग से स्थापना की। इसी तरह से अहिंसा व शांति विभाग भी पहली बार स्थापित किया गया। यहां प्राकृतिक चिकित्सा पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा तथा आयुर्वेद व होमियोपैथी पर शिक्षा देने का काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अनुशास्ताओं आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ व आचार्य महाश्रमण की दूरदृष्टि की देन है। यहां मूल्य आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाता है। यह संस्थान व्यक्तित्व निर्माण के लिए जाना जाता है। यह छोटा अवश्य है, लेकिन देश भर में प्रतिष्ठा  कायम  कर  रखी है।

मुख्यमंत्री ने किया भामाशाहों का सम्मान

मुख्यमंत्री ने पांच भवनों के लिए भूमिपूजन व शिलान्यास किया। समारोह में उन्होंने इस भवनों के दामदाताओं भागचंद बरड़िया, रमेश चंद बोहरा, राकेश बोहर, रचना बोहरा, नवीन बैंगानी, गणेशमल बोथरा आदि का शॉल ओढा कर सम्मान किया।

समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ केन्द्रीय मंत्री व जैविभा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अर्जुनराम मेघवाल, , पत्रिका समूह के सम्पादक गुलाब कोठरी , तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष मनसुख सेठिया , जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ मंचस्थ रहे। संयोजन मंत्री सलिल लोढ़ा ने किया।

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