बीजेपी सरकार लेकिन कांग्रेसी मेयर पर नहीं हुई कार्रवाई
पार्षद बोले- मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत, कार्रवाई नहीं हुई तो देंगे धरना
जयपुर , 21 जुलाई। जयपुर नगर निगम में सियासी ड्रामा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में कांग्रेसी मेयर मुनेश गुर्जर को हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन करते थे। लेकिन बीजेपी सरकार के गठन के 6 महीने बाद भी अब तक मुनेश गुर्जर पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसको लेकर अब बीजेपी पार्षदों ने आर-पार की लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है।
CM से करेंगे शिकायत
बीजेपी शहर मंत्री और वार्ड 47 से पार्षद रेखा राठौड़ ने कहा है कि मुनेश गुर्जर ने भ्रष्टाचार कर रखा है। उनके घर से लाखों रुपए नगदी मिल चुकी है। इन्होंने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। इसके सबूत एंटी करप्शन ब्यूरो ने स्वायत्त शासन विभाग में भी दे दिए हैं। बावजूद इसके सरकार न जाने क्यों मेयर मुनेश पर कार्रवाई में देरी कर रही है।
इसलिए अब हम सभी बीजेपी पार्षद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिल अपनी पीड़ा बताएंगे। अगर इसके बाद भी मुनेश गुर्जर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम मुख्यालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे। इतिहास की सबसे भ्रष्ट मेयर को हटाकर ही दम लेंगे।
निगम को बनाया भ्रष्टाचार का अड्डा
वार्ड 72 से बीजेपी पार्षद ललिता संजय जायसवाल ने बताया कि मुनेश गुर्जर ने नगर निगम में भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा है। कांग्रेस की सरकार जाने के बावजूद मुनेश कांग्रेसी नेताओं के इशारे पर नगर निगम में हर दिन गड़बड़ घोटाले कर रही है। इसकी शिकायत हमने भारतीय जनता पार्टी के आला नेताओं से भी की है। हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि, पूरा विश्वास है कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी मुनेश गुर्जर जिस पर एंटी करप्शन ब्यूरो में आरोप सिद्ध हो चुके हैं। उसके खिलाफ जल्द से जल्द सख्त एक्शन लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगी।
सख्त एक्शन लेगी सरकार
वार्ड 74 से बीजेपी पार्षद कुसुम यादव ने कहा कि कांग्रेसी मेयर मुनेश गुर्जर ने नगर निगम हेरिटेज में जमकर भ्रष्टाचार किया है। उनके लोग आज भी जयपुर की जनता से हर काम के एवज में रिश्वत ले रहे है। इसके पर्याप्त सबूत एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम तक भी पहुंच चुके हैं। ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार इतनी भ्रष्ट कांग्रेसी मेयर को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। जल्द ही इनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
दरअसल, भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की बात करने वाली बीजेपी सरकार ने हेरिटेज निगम की मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने के मामले में उदासीन रुख रवैया अपनाया हुआ है। पट्टा जारी करने की एवज में लेन देन के प्रमाण मिलने और आरोप सिद्ध होने के बावजूद ढाई महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी अभियोजन स्वीकृति की पत्रावली पर साइन नहीं हो पाए हैं। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों ने मेयर मुनेश गुर्जर को बर्खास्त करने के लिए मोर्चा खोल रखा है। लेकिन सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है।
80 दिनों से अभियोजन स्वीकृति की फाइल पेंडिग
जयपुर शहर के विकास और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा करने वाली जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के घर पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एसीबी का छापा पड़ा था। जहां से लाखों नगद रूपए और करोड़ों रूपए के प्रोपर्टी के कागजात मिले। लेकिन मेयर मुनेश गुर्जर ने इस कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र बताया।
वहीं अब ACB जांच में मेयर मुनेश गुर्जर पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हो चुके हैं। 31 पन्नों की चार्जशीट रिपोर्ट पेश कर दी गई है। इस सबके बावजूद भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात करने वाली सरकार में पिछले 80 दिनों से मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की फाइल पेंडिग पड़ी है।
बीजेपी-कांग्रेसी पार्षदों को मिला कार्रवाई का आश्वाशन
इस पेंडिंग फाइल के निपटारे के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों के पार्षद लामबंद हुए हैं। कांग्रेस के पार्षदों ने जहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। वहीं, बीजेपी के पार्षद हेरिटेज निगम को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए अपनी ही सरकार के यूडीएच मंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रदेश सहप्रभारी विजया राहटकर से मिल अपनी पीड़ा बता चुके है। जहां से उन्हें जल्द मेयर मुनेश के खिलाफ कार्रवाई का आश्वाशन मिल चुका है।
लेकिन स्वायत्त शासन विभाग में अभियोजन स्वीकृति के लिए पत्रावली अब तक मंत्री की टेबल तक नहीं पहुंच पाई है। जब इस पूरे मामले पर हमने यूडीएच मंत्री से उनका पक्ष जानना चाहा। तो उन्होंने कहा कि फाइल मेरी टेबल पर अब तक नहीं आई है। जिस दिन फाइल आएगी, उसी दिन उसपर नियमों के तहत फैसला कर दिया जाएगा। ऐसे में अब बीजेपी पार्षद भी हैरान है कि आखिर मंत्री के सख्त रवैया के बावजूद स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारी किसके दबाव में मेयर के भ्रष्टाचार की फाइल को दबाकर बैठे हुए हैं।