प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को जीवन में उतारें – डॉ वत्सला गुप्ता

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महावीर जयंती की शुभकामनाएं
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बीकानेर , 11 अगस्त। कल्याण को समर्पित अध्यात्मिक विचाराधारा के अंतर्गत संत निरंकारी मिशन के तत्वाधान में आयोजित जयपुर रोड़ स्थिति निरंकारी सत्संग भवन में सत्संग कार्यक्रम हुआ।

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इस कार्यक्रम के दौरान मानव सेवा में समर्पित राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा गंगाशहर, की योगचार्य एवं चिकित्सा अधिकारी डाॅ. वत्सला गुप्ता ने आध्यात्मिक जागृति के इस मिशन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुयी।

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उन्होंने बोलते हुए कहा कि- सतगुरू द्वारा प्रदत् ब्रह्मज्ञान मानव को अपने वास्तविक रूप का बोध कराता है, उसी प्रकार योग व प्राकृतिक चिकित्सा अपने जीवन को उच्च आदेर्शो पर पहुंचने के लिए शरीर को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखकर समाज को उचित दिशा देने के लिए प्रेरणा देती है।

डाॅ. गुप्ता ने योग व प्राकृतिक चिकित्साकी संपूर्ण जानकारी देते हुए, पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश) पर आधारित इस चिकित्सा प्रणाली का विस्तार से व्याख्यान देकर इस पद्धति को जीवन में उतारने को आवाहन किया।

स्तसंग कार्यक्रम के दौरान राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के मंत्री बनवारी लाला शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में उद्बोधन देते हुए कहा कि- संत निरंकारी मिशन- पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षरोपण, स्वच्छता अभियान, प्राकृतिक आपदाओं में राहत प्रदान करना, आध्यात्किक जागृति, समाज कल्याण, वैश्विक भाईचारे का पाठ पढाना, मानवता के गुणों को जन-जन में प्रेरित करना आदि सतसंग के माध्यम से एक अनुठा कार्य कर रहा है।

उसी भांति राजस्थान का प्रथम प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गंगाशहर 73 वर्षो से लगातार शारीरिक, बौद्धिक व मानसिक स्वस्थता को कायम रखते हुए योग व प्राकृतिक चिकित्सा की अलख जगा रहा है। केन्द्र का परिचय विस्तार से देते हुए, योग भवन में निरन्तर हो रहे निःशुल्क योग कक्षाओं की जानकारी के साथ सतसंग प्रेमियों से शुद्ध विचारधारा के साथ औषधि विहिन चिकित्सा पद्धति से जुुडने का मंत्र दिया।

कार्यक्रम में संत निरंकारी मिशन के क्षेत्रीय संचालक राधेश्याम शर्मा ने सतसंग के विभिन्न पहलूओं पर उदाहरण देते हुए कहा कि- यह मिशन कोई धर्म या संप्रदाय नही, ब्लकि एक अध्यात्मिक विचारधारा है। उन्होने का कि- ईश्वर का बोध अर्थात् ब्रह्मज्ञान सर्वश्रेष्ठ ज्ञान है। इसका कोई रंग रूप, आकर नही है। इसलिए निरंकारी जगत में ईश्वर को निरंकार के रूप में संबोधित किया जाता है। जो सर्वज्ञा, सर्वव्यापी, शाश्वत्, सर्वशक्तिमान आदि नामों का पर्याय है।

कार्यक्रम का संचालन जैन कन्या काॅलेज की प्रिसिंपल व निरंकारी मिशन की क्षेत्रीय समन्वयक डाॅ. संध्या सक्सेना ने किया और मिशन के विभिन्न पहलूओं से अवगत करवाया तथा अतिथियों को मिशन की गतिविधियों की पुस्तक भेट कर सम्मान किया। इससे पूर्व संस्थान में सघन वृक्षरोपण, संत्सग, लंगर आदि का आयोजन हुआ।

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