स्वतंत्रता दिवस पर चित्त समाधि शिविर का हुआ आयोजन
- पचपन में बचपन लाए, अनुभवों के साथ फिर खिलखिलाएं
गंगाशहर , 16 अगस्त। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल गंगाशहर द्वारा चित्त समाधि शिविर का आयोजन तेरापंथ भवन में साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी एवं साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी के सानिध्य में आयोजित किया गया।
साध्वीवृंद ने गुस्सा नहीं करने की बात कहते हुए कहा कि क्रोध आने पर उसको काबू में रखें। इसके कई टिप्स भी बताये। घर में एक दूसरे को सहन करने के तरीके बताते हुए सहनशीलता व करुणा को अपनाने के बात कही।
प्रथम चरण में कार्यक्रम की मंगल शुरुआत मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा किया गया। अध्यक्षीय वक्तव्य में श्रीमती संजू लालाणी ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया। सभी ने मिलकर स्वतंत्रता दिवस पर झंडा रोहण कर शुभकामनाएं प्रेषित की।
साध्वी श्री कृतार्थ प्रभा जी ने मंत्र जाप करवाया lसाध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी ने मंगल भावनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रतिदिन 9 बार भाव सहित उच्चारण करने की प्रेरणा दी। साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी ने जिज्ञासाओं का समाधान देते हुए मंगल पाथेय प्रदान किया ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजेंद्र सेठिया ने बताया कि छोटे छोटे नियमों को अपना कर शारीरिक मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की प्राप्ति कर चित्त समाधि में रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन का आनंद प्रवृत्ति में नहीं निवृति में है एवं चित्त की स्वस्थता के लिए चिंतन आवश्यक है।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में प्रेक्षा ध्यान प्रशिक्षक धीरेंद्र बोथरा द्वारा प्रेक्षा ध्यान के प्रयोग के साथ विभिन्न छोटी छोटी योगिक क्रियाएं एवम् मैत्री की अनुप्रेक्षा करवाई गई ।
श्रीमती रेखा चोरड़िया द्वारा बहुत ही रोचक एवं मनोरंजक तरीके द्वारा विभिन्न गेमों के माध्यम से पचपन में बचपन की अनुभूति करवाई गई ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजेंद्र सेठिया, विशेष सहयोगी श्रीमती शारदा डागा एवं श्रीमती मधु सेठिया एवं धीरेंद्र बोथरा का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम संयोजक श्रीमती सुनीता डोसी और अंजू बोथरा ने बताया कि कार्यक्रम में 55 वर्ष से अधिक के लगभग 225 भाई बहनों ने अति उत्साह से भाग लिया । कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री श्रीमती मीनाक्षी आंचलिया द्वारा किया गया।