साइबर सुरक्षा और साइबर जागरूकता पर तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
बीकानेर , 23 अगस्त। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के कंप्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा बीकानेर पुलिस के सहयोग से आज साइबर सुरक्षा और साइबर जागरूकता पर तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू की गई । यह कार्यशाला विशेष रूप से बीकानेर पुलिस और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DoIT) के कर्मियों के लिए डिज़ाइन की गई ।
उद्घाटन सत्र के दौरानए कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए साइबर अपराध से निपटने में साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दियाए जो आज के डिजिटल युग में एक तत्काल आवश्यकता है। वास्तव में पुलिस और डीओआईटी विभागों के लिए इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संचालित करना उनका दृष्टिकोण था। जो आज के संदर्भ में इसके महत्व को रेखांकित करता है। प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य साइबर अपराध के बढ़ते खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रतिभागियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाना हैए जिससे अंततः व्यापक समुदाय को लाभ होगा। विभागाध्यक्ष प्रो अनिल कुमार छंगाणी ने इस तरह के महत्वपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन की पहल के लिए विभाग को शुभकामनाएं दीं।
एडीएम सिटीए बीकानेर, दुलीचंद और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बीकानेरए दीपक कुमार ने पुलिस विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के कर्मियों के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के डिजिटल परिदृश्य में साइबर जागरूकता को समझना महत्वपूर्ण है।
एडीएम सिटी दुलीचंद ने आगे सिफारिश की कि इस तरह के और भी कार्यक्रम , ऑनलाइन और ऑफलाइन बार-बार आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने अपराध दर में चिंताजनक वृद्धि पर ध्यान दिया और जोर देकर कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण सत्र सभी संबंधित कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने ई.मित्र, राजस्व बोर्ड, चिकित्सा प्रशासन और रेलवे सहित विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए इन प्रशिक्षण अवसरों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दियाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कार्यालय कर्मचारी इस आवश्यक ज्ञान से लाभान्वित हों।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकए बीकानेरए दीपक कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि साइबर अपराध मुख्य रूप से इंटरनेट के माध्यम से होता हैए जिसमें पीड़ितों को अक्सर दूरदराज के स्थानों से निशाना बनाया जाता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। निर्दोष व्यक्ति अक्सर ऐसे अपराधों का शिकार हो रहे हैं।
दीपक कुमार ने जनता से इंटरनेट धोखाधड़ी और हैकिंग के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया और उन्हें अज्ञात संस्थाओं के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचने की सलाह दी। उन्होंने इस सिद्धांत पर जोर दिया कि रोकथाम इलाज से बेहतर है। कार्यक्रम का आयोजन आयोजन सचिव डॉ. ज्योति लखानी ने कियाए जिन्होंने घोषणा की कि कार्यशाला 23 से 25 अगस्त, 2024 तक अकादमिक सम्मेलन हॉल में आयोजित की गयी । उन्होंने घोषणा की कि कार्यक्रम शुरू में 60 चयनित प्रतिभागियों के लिए आयोजित किया गया ।
बीकानेर पुलिस और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ;क्वप्ज्द्ध। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि DoIT जागरूकता और साइबर सुरक्षा पर प्रमाणपत्र कार्यक्रम, विशेष रूप से पुलिस और डीओआईटी दोनों के कर्मियों को साइबर सुरक्षा जोखिमों और उन्हें कम करने की रणनीतियों की गहन समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया । प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को साइबर खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने में अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए विभिन्न सुरक्षा जागरूकता परिदृश्यों में शामिल किया गया।
अतिरिक्त कुलसचिव डॉ. बिट्ठल दास बिस्सा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि कम्प्यूटर विज्ञान विभाग की यह पहल अत्यंत सराहनीय है और उन्हें आशा है कि निकट भविष्य में ऐसे और भी कार्यक्रम देखने को मिलेंगे। आयोजन सचिव डॉ. फौजा सिंह और डॉ. अमरेश सिंह ने 23 अगस्तए 2024 को निर्धारित पहले दिन के पहले सत्र का अवलोकन भी किया। इस सत्र में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर में सहायक प्रोफेसर डॉ. अर्जुन चौधरी ने इंटरनेट और मोबाइल उपकरणों का सुरक्षित रूप से उपयोग करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं सहित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
डॉ. फौजा सिंह और डॉ. अमरेश सिंह ने अपने संबोधन के दौरान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रत्येक प्रतिभागी और योगदानकर्ता को धन्यवाद देते हुए अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षण समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. धर्मेश हरवानी, डॉ. अनिल कुमार दुलार, डॉ. अभिषेक वशिष्ठ, डॉ. मेघना शर्मा, डॉ. प्रगति सोबती और डॉ. संतोष कंवर उपस्थित थे। प्रशासन से डॉ. प्रकाश सारन, डॉ. सुरेन्द्र गोदरा और डॉ. राजेश सहारण सहित अन्य ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।