दिव्यांगों का पाॅच दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण हुआ सम्पन्न
- दिव्यांगों के आतिथ्य से बीकानेर के नाम हुए पाॅच गोल्डन बुक रिकाॅर्ड
- स्वर्णिम यादों के साथ 650 दिव्यांग मेहमान बीकानेर से हुए अब तक हुए रवाना
- मीसो व अनाम प्रेम मुम्बई ने बीकानेर मे किया 1000 मूक बधिर बच्चों के स्वरोजगार प्रशिक्षण का अनूठा आयोजन
बीकानेर, 2 अक्टूबर। मीसो तथा अनाम प्रेम मुम्बई की ओर से बीकानेर के डागा पैलेस में आयोजित 1000 दिव्यांगों का स्वरोजगार प्रशिक्षण विधिवत रूप से समाप्त हो गया। समापन अवसर पर आयोजित समारोह में खाद्य व आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने सिरकित करते हुए बच्चों से रुबरु हुए ।
वृहत्त स्तर इस शिविर के लिए आयोजको को साधुवाद दिया तथा बीकानेर के नाम पाँच गोल्डन बुक रिकाॅर्ड की प्रशंसा करते हुए देव तुल्य दिव्यांगों के लिए किये गये सेवा प्रकल्प को बेहद उपयोगी बताया। मंत्री गोदारा ने कहा कि शिविर में विभिन्न तरीके के स्वरोजगार प्रशिक्षण प्राप्त लोग सीखे हुए का अभ्यास करते हुए अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करेंगें तो सभी को प्रेरणा मिलेगी।
केन्द्र व राज्य सरकारें ऐसे दिव्यांगों के लिए विभिन्न योजनाऐं संचालित कर रही है जिससे इनको ऐसे प्रशिक्षण प्राप्त विषय का व्यवसाय न्यूनतम लागत मे शुरू कर सके। मंत्री ने स्वयं सेवी संस्थाओं, दानदाताओं से भी इन दिव्यांगों को द्वारा व्यवसाय शुरू करवाने में हर संभव सहयोग कर इस शिविर की सफलता को सिद्ध करने का आग्रह किया।
आयोजन के सह सचिव संतोष बांठियां ने बताया कि मीसो के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पवीर जैन, अंतरराष्ट्रीय महासचिव लोकेश कावड़िया, कार्यक्रम के संयोजक वीर विजयसिंह डागा ने मंत्री गोदारा को स्मृति चिन्ह के साथ प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांगों के बनाये उत्पाद भेंट कर आश्वस्त किया की कीसी भी दिव्यांग ने व्यवसाय के प्रति रूचि दिखाई तो उनके वित्त प्रबंधन, व्यवसाय स्थापना, ब्रांडिग, मार्केटिंग हेतु पूरी मदद करेंगें।
सचिव लोकेश कावड़िया ने कहा कि पाँच दिवसीय आयोजन बीकानेर की अभूतर्पव मेहमान नवाजी की यादों के साथ पूरा सफल रहा जिसमे देश भर से आये प्रतिभागीयों, प्रशिक्षकों और परिजनों ने पूरा लाभ उठाया। लगभग सभी प्रतिभागीयों ने तीन – चार तरह की स्किल सीखी है और इसमे बहुत से बच्चों को प्रशिक्षण के बाद अभ्यास के लिए सीखे कोर्स के अनुसार कुछ कच्ची सामग्री दि गई है ताकि वे कुछ दिन अभ्यास कर सके।
शिविर की विशेष बात यह भी रही की प्रतिदिन पांच वल्र्ड रिकाॅर्ड भी बने है। शिविर में बीकानेर की पारम्परिक स्वाद के विभिन्न व्यंजनों मिठाईयों , देशी सब्जियों, नमकीन के स्वाद इन बच्चों ने यहां लिया तथा पाँच दिन विभिन्न मनोरंजन की विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया। बीकानेर के दर्शनीय स्थल भी देखे। अभी भी कुछ बच्चे कल तक यहां से जायेंगें।
मीडिया प्रभारी राजकुमार गोस्वामी ने बताया की आयोजन के दौरान मुम्बई की हेलेन केयर डेफ, डम एण्ड ब्लाइंड के योगश स्वामी ने भी अपने संस्थान के बच्चों और प्रशिक्षक के साथ शिरकत की। यह बच्चे ना देख पाते है, और बोल-सुन पाते है, इनके प्रशिक्षक की भी व्यवस्था की गई। संस्थान द्वारा आगे भी इनके साथ विशेष कार्य करेगी।
सह संयोजक संतोष बाठियां ने बताया कि शिविर के संयोजक वीर वीजयसिंह डागा द्वारा समापन समारोह का मंच संचालन किया गया। समारोह में शिवरतन अग्रवाल फन्ना बाबू, नोखा के शिवरतन सोनी, रमेश लाम्बा , सतीश नागरे, आशोक मोदी, हंसराज डागा, उतम चंद सेठिया, लालचन्द भूरा सहित सभी दानवीर भामाशाहों के साथ कार्यकत्र्ताओं, प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया। बीकानेर से रवाना हो रहे सभी बच्चों को अभ्यास कीट के साथ भुजिया व रसगुल्ला का उपहार दिया गया।