स्वयं को जीतने वाला बड़ा विजेता – मुनि दीप कुमार

कोयम्बतूर, 13 अक्टूबर। तमिलनाडु के कोयम्बतूर स्थित तेरापंथ भवन मे युग प्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री दीप कुमार जी के सान्निध्य मे विजया दशमी के अवसर एक “विजेता बने” कार्यशाला का आयोजन श्री जैन श्वेताबर तेरापंथी सभा- कोयम्बतूर द्वारा किया गया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

मुनि श्री दीप कुमार जी ने कहा की दुर्जेय संग्राम में दस लाख योद्धाओं को जितने के अपेक्षा जो अपने आपको जीत लेता है वो परम विजयी, बड़ा बिजेता होता है। जिनका संकल्प बल मिट्टी के गोले के समान मजबूत होता वह हारी बाज़ी को भी जीत में बदल देता है। जीतने के लिए क्या- चाहिए ? जीत का विश्वास और लगातार चेष्ठा। किसी भी क्षेत्र में जितने के प्रति निष्ठा और विश्वास, लक्ष्य की सफलता के लिए पूर्व तयारी करना न भूलें। उद्देश्य, योजनाएं करने के लिए पूर्व तैयारी करता है और प्रगति को प्रगट करने मे हड़बड़ी नहीं करता है वो निश्चित तौर पर विजयी बनता है।
विजयादशमी पर श्रीराम ने रावण की विजय असत्य पर सत्य की विजय है, बुराई पर अच्छाई की विजय है। हम दुवृतियों रुपी रावण पर विजय प्राप्त कर राममय बन जाए।

mmtc
pop ronak

मुनिश्री काव्य कुमारजी ने कहा- विजय मनुष्य की स्वाभाविक आकांक्षा है। विजय के लिए लक्ष्य का निर्धारण जरूरी है। व्हिल पावर को बढ़ाना होगा और निरन्तर कोशिश करना होता है , तभी विजेता बना जा सकता है।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS
bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *