आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी की सूरीमंत्र साधना पर वरघोड़ा निकला

  • सैकड़ों लोगों ने सुना मंगलपाठ, साधना की अनुमोदना की

बीकानेर, 20 अक्टूबर। जैनाचार्य श्री जिनपीयूष सागर सूरीश्वरजी महाराज की सूरीराज द्वारा सर्वसिद्धिदायक सूरिमंत्र की 5 वीं पीठिका मंत्राधिराज की 16 लाख मंत्र जाप, 16 उपवास के साथ 16 दिवसीय साधना रविवार पूर्ण की। गाजे बाजे से देव,गुरु व धर्म के जयकारों के साथ वरघोड़ा निकला। पांच करोड़ नवकार महामंत्र जाप करने वाले श्रावक-श्राविकाओं का लक्की ड्रा निकाला गया। भाग्यशाली एक श्रावक व 8 श्राविकाओं को आगामी कार्यक्रम के पुरस्कृत किया जाएगा। समारोह मेंं धार्मिक पुस्तक का विमोचन किया गया।

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वरघोड़े में आचार्यश्री ने चतुर्विद संघ के साथ सुगनजी महाराज का उपासरा से होते हुए नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ, भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर में दर्शन वंदन किए। अनेक आत्म कल्याणकारी मंत्रों के साथ महामांगलिक सुनाई। कार्यक्रम में बीकानेर के साथ देश-प्रदेश के अनेक स्थानों आए श्रावक-श्राविकाओं ने हिस्सा लिया।

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श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट मंत्री रतन लाल नाहटा, श्री जिनेश्वर युवक परिषद संरक्षक ललित नाहटा, अध्यक्ष संदीप मुसरफ, विचक्षण महिला मंडल की वरिष्ठ श्राविका मूलाबाई दुगड़, सामायिक मंडल की अध्यक्ष संतोष नाहटा व श्री जिनेश्वर महिला परिषद की निधि नाहटा, मधु मुसरफ व स्नेहलत बरड़िया आदि सदस्याओं ने आचार्यश्री को गणधर गौतम स्वामी की प्रतिमा का प्रदान कर सम्मान किया तथा तपस्या की अनुमोदना की।

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श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट एवं श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में अतिथि के रूप में पंजाब पुलिस के महानिदेशक जितेन्द्र कुमार जैन, राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक नितिन गोयल सहित छतीसगढ़, कोटा, बाड़मेर, रायपुर, चौहटन दिल्ली सहित अनेक स्थानों के संघपति मौजूद थे। इनका अभिनंदन किया गया। सोमवार को ढढ्ढा चौक में बच्चों के लिए श्री जिनेश्वर सुपर मॉल रात आठ बजे से लगाया जाएगा।

मुनि सम्यक रत्न सागर ने सूरी मंत्र साधना व आचार्यश्री का परिचय दिया । साध्वी श्री प्रभंजना श्रीजी ने विचार व्यक्त कि। रौनक कोचर व जिनेश्वर महिला परिषद ने गीत प्रस्तुत किए। कोटा की जौली ने भी आचार्यश्री की धर्म साधना व आराधना के बारे में बताया। अनेक संघ पतियों ने आचार्यश्री से चातुर्मास की विनती की। महावीर भवन में स्वधर्मीवात्सल्यय का लाभ श्री कंवर लाल, संतोष देवी , मनीष, निधि, जितेश-मोनिका, भीनव, कीर्तन्य, घनिष्ठ , लुव्य नाहटा परिवार लिया।

 

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