एसकेआरएयू में आरटीपीपी एक्ट विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

  • ड्राफ्ट ऑफ टेंडर ठीक हो तो सभी जगह सही फर्म का चयन कर अच्छे कार्य करवाए जा सकते हैं- श्रीमती नम्रता वृष्णि, जिला कलेक्टर

बीकानेर, 24 अक्टूबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में गुरुवार को राज्य लोक उपापन ( खरीद) में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 (आरटीपीपी एक्ट) विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने किया। मानव संसाधन विकास विकास निदेशालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ देवा राम सैनी थे। विदित है कि 24 और 25 अक्टूबर को दो दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट एण्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट जयपुर द्वारा किया जा रहा है।

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जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने प्रशिक्षण की महत्ता बताते हुए कहा कि सरकारी पैसे का उपयोग करते समय सरकार द्वारा जारी उपापन से संबंधित नियमों व कानूनों की पालना आवश्यक है। जिससे उपापन पारदर्शिता पूर्वक हो सके। साथ ही कहा कि ड्राफ्ट ऑफ टेंडर भी ठीक हो तो सभी जगह सही कार्य करवाए जा सकते हैं। उन्होने कहा कि कई बार कार्य देख कर लगता है कि संबंधित फर्म को कार्य दिया ही क्यों ? लेकिन जब टेंडर की शर्तें और रूल्स देखते हैं तो पता चलता है कि शर्तें ही ऐसी थी।

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कुलसचिव डॉ देवा राम सैनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम हमारे खुद के पैसे को तो उदारतापूर्वक खर्च कर सकते हैं लेकिन सरकारी पैसे को पूरी तरह पब्लिक के वेलफेयर में तार्किक व औचित्य पूर्ण रूप से खर्च करें। राजकोष के उपयोग में लोक सेवक की भावना अपने निजी धन का उपयोग में लेने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है।

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एसकेआरएयू के वित्त नियंत्रक राजेन्द्र कुमार खत्री ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि आरटीपीपी एक्ट के मूल उद्देश्य प्रतियोगिता में वृद्धि का लाभ सरकार को उपभोक्ता के रूप में पूरी तरह से नहीं मिल पा रहा है। भुगतान में विलंब नहीं करने के नियम 13 की ईमानदारी से पालना हो तो प्रतियोगिता में वृद्धि का लाभ सरकार को मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हम सरकारी खरीद में रूल्स के पालना करने का केवल दिखावा करते हैं। अगर खरीद विवादित नहीं है तो संबंधित फर्म को तत्काल पेमेंट करें।

पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट एण्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट जयपुर के संयुक्त निदेशक परशुराम सैनी ने बताया कि संस्थान अपनी स्थापना नवंबर 2022 से निरन्तर विभिन्न विषयों यथा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, ऑक्शन मैनेजमेंट, लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम, वित्त विभाग द्वारा की जा रही पहल, बजट प्रबंधन इत्यादि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवा रहा है। अब तक 40 ट्रेनिंग कार्यक्रमों में करीब 2 हजार कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीकानेर संभाग के विभिन्न विभागों व कार्यालयों के करीब 75 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। मानव संसाधन विकास निदेशालय की निदेशक डॉ दीपाली धवन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में पहले दिन एसकेआरएयू के वित्त नियंत्रक राजेन्द्र कुमार खत्री, सेवानिवृत राजस्थान लेखा सेवा अधिकारी विमल सुथार, राकेश गुप्ता और सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के गेस्ट फैकल्टी ऋषि व्यास ने प्रतिभागियों को लोक वित्त के व्यय में राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम व नियम के प्रावधानों को विस्तृत रूप से समझाया। शुक्रवार को दूसरे दिन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के वित्तीय सलाहकार संजय धवन लाहकार, पीएफएमटीआई सहायक निदेशक योगेन्द्र बागड़ा, पीएचईडी के सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता अनिल जैन उद्भोधन देंगे।

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