डीपीसी एवं काउंसलिंग की मांग हेतु चल रहे आंदोलन की परिणीति क्या होगी ?
- शिक्षा निदेशालय के सामने मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं काउंसलिंग की मांग को लेकर बारहवें दिन धरना जारी
बीकानेर , 15 नवम्बर। शिक्षा निदेशालय के सामने कर्मचारी संघ के धरने का आज 12 वां दिन है परन्तु सरकार के कारिन्दों के कानों जूं नहीं रेंग रही। ऐसा लगता है की सरकार को ऐसे लोकतांत्रिक आंदोलनों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में सवाल यह उठता है की आंदोलन की परिणीति क्या होगी ? यह आन्दोलन एक मात्र ऐसी संघ के लिए या इससे जुड़े सदस्यों के लिए ही नहीं है अपितु सम्पूर्ण शिक्षा विभागीय कर्मचारीगणों के लिए है। अतः आवश्यकता है की संगठनो की राजनीति से ऊपर उठा कर मांग को बुलन्द किया जाए नहीं तो सरकार को सुनने की फुर्सत ही नहीं मिलेगी।
शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य एवं प्रदेश संस्थापक मदन मोहन व्यास के नेतृत्व में मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं पदस्थापन हेतु ऑनलाईन काउंसलिंग की मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आज दिनांक 15.11.2024 शुक्रवार को बारहवे दिन भी जारी रहा। प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि शिक्षा प्रशासन एवं राज्य सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है लेकिन वास्तव में मांगों पर निर्णयात्मक कार्यवाही नहीं कर रही है, कर्मचारियों को हजारो रूपये का प्रतिमाह नुकसान उठाना पड़ रहा है, इससे शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। अतः आज पुनः माननीय राज्यपाल महोदय एवं मुख्यमंत्री महोदय सहित उच्च स्तरों को पत्र ईमेल पत्र लिखा गया—-
(1) डीपीसी प्रभावी तिथि 01.04.2017 (2017-18) से मूल रिव्यु पदों के अनुसार पुनः की जावे। इसी प्रकार 01.04.2023 से केडर रिव्यु कर मूल पदों को संशोधित कर दिया गया है तद्नुसार 2023-24 की डीपीसी पुनः की जावे।
(2) लोक सेवा आयोग से चयनित 1986 के वरिष्ठ कार्मिकों को छोड़कर कनिष्ठ कार्मिकों को पदौन्नति दे दी गई है इसकी जांच करते हुए दोषी स्तरों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए 1986 के चयनित वरिष्ठ कार्मिकों को पदोन्नत किया जावे, साथ ही पदोन्नत किये गये कनिष्ठ कार्मिकों को पदावन्नत (रिवर्सन) कर आगामी वर्षों में वरियता में नम्बर आने पर चयनित करें।
(3) पंचायत राज विभाग से आये कार्मिकों के प्रकरणों एवं दिव्यांगजनों के प्रकरणों को भी निस्तारित करते हुए रिव्यु डीपीसी की जावे ताकि कोई भी योग्य कार्मिक पदौन्नति के लाभ से वंचित नहीं रहे।
(4) उक्त बिन्दु सं. 1 से 3 में वर्णित समस्त रिव्यु डीपीसी किये जाने के पश्चात ही 2024-25 की नियमित डीपीसी की जावे।
(5) आगामी होने वाली मंत्रालयिक संवर्ग की अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदौन्नति पर पदस्थापन में आॅनलाईन काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से शत प्रतिशत पदों को प्रदर्शित कर, आदेश प्रसारित करना सुनिश्चित किया जावे।
धरने पर मदन मोहन व्यास प्रदेश संस्थापक, कमलनारायण आचार्य प्रदेशाध्यक्ष, राजेश व्यास प्रदेश संरक्षक, गिरजाशंकर आचार्य कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष, विष्णुदत पुरोहित प्रदेश परामर्शक के साथ शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ संभाग जोधपुर से शिवकुमार कल्ला सम्भागाध्यक्ष, राकेश पुरोहित, विजय आर्य, राजेन्द्र सिंह सोलंकी, जोगेन्द्र सिंह गोड आदि बैठे तथा धरने के समर्थन में जितेन्द्र गहलोत प्रदेश महामंत्री महासंघ स्वतंत्र, रामचन्द्र बाल्मिकी, कमलनयन सिंह, उमेश शर्मा, नवरतन बारासा, नवाब अली, आदि बड़ी संख्या में निदेशालय प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के कर्मचारी शामिल हुए।