नशे पर नियन्त्रण ही मृत्यु दर को कम कर सकती है- डॉ. कपिल
बीकानेर , 21 नवम्बर। बिनानी कन्या महाविद्यालय में आज राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों इकाईयों के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय शिविर महाविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। महाविद्यालय की स्वयंसेविकाओं ने शिविर के प्रारम्भिक सत्र में नशे के प्रयोग के समाज, परिवार पर प्रभाव पर परिचर्चा का आयोजन किया। छात्राओं ने एक साथ शपथ ग्रहण कर कहा कि वे ना तो नशा करेंगी न नशा करने देगी, परिवार के सभी सदस्यों को नशे के दुष्प्रभाव से अवगत करवायेगी।
दूसरे सत्र में डॉ. अजंना मुद्गल (दन्त चिकित्सक, लंदन) ने छात्राओं से रूबरू होकर दांतों की सुरक्षा के विभिन्न उपायों को साझा करते हुए सभी स्वयं सेविकाओं के दांतों की गहन जांच कर संबंधित उपायों को बताया। डॉ. मुद्गल ने छात्राओं को खाने के बाद दांत साफ करने की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि अगर दांतों को सही तरीके साफ नहीं किया जायेगा तो वो दांतों में कीड़े जनरेट हो जाएंगे और धीरे-धीरे दांत खराब हो जायेगें। मुंह से बदबू नहीं आये इसके विभिन्न तरीके दवाइयों के माध्यम से एवं देषी तरीके भी बताये।
तीसरे सत्र में बीकानेर ट्रोमा सेन्टर के मुख्य अधिकारी डॉ. लवलीन कपिल ने मौसमी बीमारियों की जानकारी और उनसे सुरक्षा के उपाय बताये। साथ ही डॉ. कपिल ने विषेष रूप से छात्रा स्वयंसेविकाओं को टी.टी. इन्जेक्षन, ट्रोमा सेन्टर में कार्य करने की शैली को छात्राओं के सामने रखा, अपने विचारों को साझा करते हुए उन्होंने छात्राओं को नशे दुष्परिणामों की जानकारी दी। डॉ. कपिल ने कहा कि अगर स्पीड और नशे पर नियन्त्रण हो जाये तो मृत्यु दर स्वतः ही कम हो जायेगी। 16 से 35 आयु वर्ग के लोगों की मृत्यु दर तुलनात्मक रूप से अधिक है। उसका कारण बाइक की स्पीड, वाहनों की अन्धाधुन्ध गति एवं युवाओं में नशे की लत से अधिकांश दुर्घटनाऐं होती है। जिसके कारण इस आयु वर्ग में मृत्यु दर अधिक होती है।
कार्यक्रम के अन्तिम सत्र में प्राचार्या डॉ. अरूणा आचार्य ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सर्दियों के समय में बचाव ही उपाय है। वर्तमान में बीकानेर में चिकन गुनिया, डेंगू जैसी बीमारियां अधिक हो रही है, अतः सभी स्वयं सेविकाऐं न सिर्फ अपना बल्कि आस – पास का वातावरण भी स्वच्छ रखने का प्रयास करे।
इसी क्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रभारी डॉ. अनिता मोहे ने स्वयं सेविकाओं को मास्क वितरण करते हुए कहा कि सर्दियों में सांयकालीन समय में बैक्टिरिया अधिक हावी होते है अतः जब भी घर से बाहर निकले तो मास्क का प्रयोग आवश्यक रूप से करें। इससे सर्दी के विभिन्न बैक्टिरियां से आपका बचाव होगा।
कार्यक्रम के अन्त में राष्ट्रीय सेवा योजना की तृतीय ईकाई के प्रभारी रामकुमार व्यास ने छात्राओं को पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य पर ध्यान रखने की बात कही। व्यास ने अपने व्यक्तव्य में ‘‘पहला सुख निरोगी काया’’ की कहावत को याद करते हुए कहा कि अगर शरीर स्वस्थ रहेगा तो मस्तिष्क स्वस्थ रहेगा, और मस्तिष्क स्वस्थ रहने पर अच्छे निर्णय लिये जा सकते है और यादाशत भी सही रहती है।कार्यक्रम का संचालन कम्प्यूटर व्याख्याता मुकेश कुमार बोहरा ने किया।