श्री भंवरलाल डागा समर्पित , श्रद्धाशील व आस्थावान व्यक्तित्व के धनी थे 

  • स्मृति सभा रविवार , 1 दिसम्बर को तेरापंथ भवन में आयोजित होगी 
गंगाशहर,  30 नवम्बर। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के पूर्व अध्यक्ष  भंवरलाल डागा समर्पित श्रावक थे। यह बात आज शांतिनिकेतन में  साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी ने कही।
साध्वीश्री चरितार्थ प्रभा जी ने शोकाकुल परिवार को सम्बल प्रदान करते हुए कहा  कि इस संसार में जन्म लेना और उसकी मृत्यु होना निश्चित ही है। इस संसार में जो जन्म लेता है और वह जन्म लेकर परिवार के लिए समाज के लिए और दूसरों के लिए बहुत कुछ करता है ऐसे व्यक्ति के इस संसार से चले जाने के बाद भी समाज व लोग उसे याद रखते है। ऐसे ही विशाल व्यक्तित्व के धनी थे भंवरलाल जी डागा।
उन्होंने कहा कि  गंगाशहर तेरापंथ धर्म संघ का एक ऐसा क्षेत्र है जहां ऐसे ऐसे विलक्षण श्रावक हुए हैं जिनको  सकल समाज आज भी याद करता है। साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा ने बताया कि आचार्य श्री तुलसी ने सन 1963 में तेरापंथ समाज में सबसे पहले श्रावक की स्मृति सभा का प्रारम्भ किया गया।   जिसमें सबसे पहले सुगनचन्द जी आंचलिया की स्मृति सभा का आयोजन किया। साध्वी श्री जी ने बताया कि भंवरलाल जी डागा का पूरा का पूरा परिवार किसी न किसी रूप से धर्म संघ से जुड़ा हुआ रहता है और पूर्ण रूप से समर्पित रहता है। इस अवसर पर शान्तिलाल डागा जो भंवरलाल डागा के भाई थे उनको याद किया गया उन्होंने भी धर्म संघ की बहुत बड़ी सेवा की। भंवरलाल जी डागा हमेशा माता-पिता के कहे अनुसार चलते थे। गुरू इंगित को शिरोधार्य रखते थे।
 उल्लेखनीय है कि गंगाशहर तेरापंथ समाज के विशिष्ट श्रावक भंवरलाल डागा का स्वर्गवास 28.11.2024 को हो गया था। शान्ति निकेतन सेवा केन्द्र में साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी व साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी के सान्निध्य में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। रविवार 1 दिसम्बर को तेरापंथ भवन में स्मृति सभा का आयोजन प्रातः 10 . 30 बजे रखा गया है।
तेरापंथ न्यास के ट्रस्टी  जैन लूणकरण छाजेड़ ने भंवरलाल जी डागा के प्रति तेरापंथ न्यास की तरफ  से श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए आचार्य श्री महाश्रमण जी की और से प्राप्त सन्देश  का वाचन किया। छाजेड़ ने कहा कि अनेक संस्थाओं में डागा जी के साथ कार्य करने का अवसर मिला वो अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे।तीन तीन आचार्यों के कृपापात्र रहे तथा आचार्यों के महत्वपूर्ण  कार्यों को करने वाले विश्वसनीय श्रावक थे। श्रद्धा , आस्था , समर्पण व संघ निष्ठा उनके पर्यायवाची थे।
तेरांपथी सभा गंगाशहर के पूर्व अध्यक्ष अमर चन्द सोनी ने अपनी ओर से व तेरापंथ सभा की ओर से श्रद्धांजलि व्यक्त की।  उन्होंने कहा कि भंवरलाल जी डागा जो कार्य हाथ में लेते थे उसको सफल करने के लिए जुनून के साथ जुट जाते थे।  उन्होंने शून्य से शिखर की यात्रा करते हुए   फर्श से अर्श तक पहुंचे। डागा  जी ने अपने प्रतिष्ठान का नाम बीकानेर आसाम रोडलाइन्स रख कर अपनी जन्मभूमि बीकानेर के नाम को पूरे देश में विख्यात किया।  सोनी ने कहा कि अपनी जननी व जन्मभूमि के प्रति पूर्ण समर्पित थे।उन्होंने साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा जी की और से प्राप्त सन्देश का वाचन किया।
तेरापंथ महिला मण्डल की ओर से श्रीमती सन्तोष बोथरा ने अपनी भावांजलि  व्यक्त की । तेरापंथ युवक परिषद् के  अध्यक्ष महावीर फलोदिया ने श्रद्धांजलि व्यक्त की। श्री जैन श्वेताम्बर तेरांपथी महासभा के संगठन मंत्री  प्रकाश डाकलिया ने  तेरापंथी महासभा की ओर से प्राप्त सन्देश  का वाचन किया। अणुव्रत समिति से मनोज छाजेड़ ने श्रद्धांजलि व्यक्त की आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान से उपाध्यक्ष किशन बैद ने श्रद्धांजलि व्यक्त की।
भंवरलाल जी डागा के परिवार से उनके बचपन के साथी व तेरापंथ महासभा के पूर्व उपाध्यक्ष मूलचन्द डागा, अनुज विजयसिंह डागा, पुत्रवधु श्रीमती मधु डागा, पुत्री श्रीमती प्रेम भंसाली ने अपनी और से श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन के  बारे में कई संस्मरण सुनाये तो उपस्थित जन समुदाय की आंखे गीली हो गयी।
डागा परिवार ने उनकी स्मृति में तेरापंथ समाज की संस्थाओं आर्थिक अनुदान देने की घोषणा की तथा सेवाकेन्द्र के नवनिर्मित होने वाले भवन में पूरा सहयोग देने का आश्वासन समाज को दिया। साध्वी श्री के मंगल पाठ के साथ श्रद्धांजलि सभा सम्पन्न हुयी। संचालन तेरापंथी सभा मंत्री जतनलाल संचेती ने किया।

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