एसकेआरएयू के गोद लिए गांव पेमासर में आंवला प्रसंस्करण एवं बाजारीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उत्पादक कार्य करें ताकि उनकी इनकम बढ़े और वे आत्मनिर्भर बन सके- श्रीमती वंदना सिंघवी, संभागीय आयुक्त

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बीकानेर, 02 दिसंबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा गोद लिए गए गांव पेमासर में आंवला प्रसंस्करण एवं बाजारीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी, विशिष्ट अतिथि नाबार्ड डीडीएम रमेश तांबिया, एचडीएफसी बैंक मैनेजर धीरज सुथार और सरपंच प्रतिनिधि भंवर लाल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की। कार्यक्रम में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की डॉ ममता सिंह व कृषि महाविद्यालय स्टाफ द्वारा गांव की महिलाओं को आंवला से कैंडी, शरबत, माउथ फ्रेशनर, लड्डू इत्यादि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संभागीय आयुक्त ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बैंक से जो लोन लेती हैं उसका उत्पादक कार्यों में इस्तेमाल करें ताकि उनकी इनकम बढ़े और वे आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भर बन सके। नाबार्ड और जिला प्रशासन उनके उत्पाद की मार्केटिंग में पूरी सहायता करेगा। साथ ही कहा कि महिलाएं खुद के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।

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कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि एसएचजी महिलाओं के द्वारा बनाए गए उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग भी की जाएगी। साथ ही एफएसएसएआई नंबर भी लिए जाएंगे। पेमासर गांव की एसएचजी महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को ”हरियाली” ब्रांड नाम से लॉन्च किया जाएगा। इन उत्पादों को कृषि विश्वविद्यालय के बाहर बनी स्टॉल व मसाला चौक में जिला प्रशासन द्वारा जल्द अलॉट होने वाली शॉप पर भी रखा जाएगा। इससे होने वाली आय को संबंधित महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा।

नाबार्ड डीडीएम रमेश तांबिया ने बताया कि किस प्रकार नाबार्ड स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से और एसएचजी उत्पादों की मार्केटिंग में सहायता कर सकता है। एचडीएफसी बैंक मैनेजर धीरज सुथार ने महिलाओं को बताया कि स्वयं सहायता समूहों के डॉक्यूमेंटेशन पूरे हो ताकि बैंक लोन देने में आनाकानी ना करे। कार्यक्रम में गांव की महिलाओं ने भी बताया कि गांव को गोद लेने के बाद कृषि विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित कार्यक्रमों से किस प्रकार उन्हें फायदा हुआ है।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों को साफा पहनाकर और बुके भेंट कर हुई। आईएबीएम निदेशक डॉ आई.पी.सिंह ने पेमासर गांव में यूनिवर्सिटी की ओर से अब तक किए गए कार्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम के आखिर में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय अधिष्टाता डॉ विमला ढुकवाल, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ राजेश कुमार वर्मा, पूल व एफआईएमटीटीसी इंचार्ज व पेमासर गांव के समन्वयक डॉ वाई.के.सिंह,डॉ नीना सरीन, डॉ अदिति माथुर,डॉ मनमीत कौर, डॉ ममता सिंह, डॉ केशव मेहरा समेत बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं मौजूद रहीं। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ सुशील कुमार ने किया।

 

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