वैश्वीकरण के दौर में वंशावली की बात करना अहम- मीठेश

shreecreates
congrtaulation shreyansh & hiri

चूरू/झुंझुनूं, 04 दिसंबर। बागड़ोदा (सीकर) मूल के असम प्रवासी लेखक, अनुवादक देवीप्रसाद बागड़ोदिया की पुस्तक वंशावली का लोकार्पण पिछले दिनों मंडावा के होटल कास्टले के मोती बाग रंगमंच पर आयोजित एक कार्यक्रम में साहित्य अकादेमी अवार्डी साहित्यकार मीठेश निर्मोही, चूरू एडीपीआर कुमार अजय एवं लेखक मंशाह नायक ने किया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
DIGITAL MARKETING
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

इस मौके पर साहित्यकार मीठेश निर्मोही ने कहा कि आज के वैश्वीकरण और बाजारीकरण के दौरान में वंशावली की बात करना ही अपने आप में अनुपम बात है।

pop ronak

एडीपीआर कुमार अजय ने कहा कि एक साहित्यकार हमेशा वर्तमान के साथ-साथ भूत और भविष्य में भी जीता है। वंशावली इसी प्रकृति का परिचय है कि बागड़ोदिया ने अपने परिजनों, बुजुर्गों से जुड़े संस्मरण और अनुभव इसमें संजोये हैं। साहित्यकार मंशाह नायक ने बागड़ोदिया की सक्रियता और रचनाधर्मिता की सराहना की। इस दौरान बागड़ोदिया ने पुस्तक रचना की पृष्ठभूमि पर चर्चा की। इस दौरान दुर्गा प्रसाद बागड़ोदिया, प्रभुदयाल बागड़ोदिया, श्यामसुंदर मोदी, रवि सिंघल, पवन धीरासरिया, कुसुम चौधरी, रवि बाजोरिया, मीतू गुप्ता, सविता बागड़ोदिया, इंदु बगड़िया, अभिषेक सरोवा, हिमांशु बागड़ोदिया, प्रेरणा आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *