सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट का दो दिवसीय राजस्थानी भाषा महोत्सव सम्पन्न

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  • राजस्थानी लेखको एवं राजस्थानी समर्थकों को एल.पी.तैस्सितोरी अवार्ड अर्पित

बीकानेर , 14 दिसम्बर। सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में दो दिवसीय राजस्थानी भाषा महोत्सव के दूसरे दिन राजकीय सार्वजनिक पुस्तकालय के सभागार में डॉ. एल.पी.तैस्सितोरी अवार्ड समारोह आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित थे ।

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राजस्थानी भाषा महोत्सव के दौरान 2022 के लिए मनीषा आर्य सोनी और डॉ. नमामी शंकर आचार्य , 2023 के तहत डॉ. कृष्णा आचार्य एवं डॉ गौरीशंकर प्रजापत एवं 2024 के तैस्सितोरी अवार्ड डॉ. सत्य प्रकाश आचार्य एवं डॉ नरेश गोयल को अर्पित किए गए। इस अवसर पर आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा की शोध कार्य को बढ़ाना होगा, उन्होंने आह्वान किया की सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट शोध कार्य के लिए रिसर्च टॉपिक प्रस्तावित करें प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कि सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट में उपलब्ध प्राचीन सामग्री को डिजिटाइजेशन करना चाहिए जिसके लिए विश्वविद्यालय निशुल्क सहयोग करेगा।

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प्रोफेसर दीक्षित ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिलना साहित्यकारों की समस्या नहीं है, राजनैतिक कारणो से अभी तक मान्यता नहीं मिल पाई है। साहित्यकार रच सकते है, उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सरकार से अनुदान मिलना चाहिए, हमारे प्रदेश की पहचान और संस्कृति राजस्थानी भाषा से है। प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के संसाधन राजस्थानी भाषा को समर्थ करने के लिए सदैव उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी विभाग को स्थाई करने के मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय इसके लिए तैयार है, सरकार की अनुमति एवं सहमति चाहिए । अवार्ड प्राप्त करने वालो को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि हम स्वयं को सम्मानित कर रहे हैं।

संयोजकीय व्यक्तव्य देते हुए सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के सचिव कवि -कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि संस्थान राजस्थानी भाषा के विद्वानों एवं राजस्थानी के समर्थकों को प्रतिवर्ष अवार्ड देकर सम्मानित करता है, उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय के साथ एमओयू होगा जिससे राजस्थानी के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा, जोशी ने राजस्थानी भाषा एवं संस्कृति के उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया। प्रारंभ में स्वागत भाषण कार्यक्रम प्रभारी राजाराम स्वर्णकार ने देते हुए अब तक दिए हुए अवार्ड का विवरण प्रस्तुत किया। कार्य योजना के बारे में व्यंगकार-सम्पादक डॉ. अजय जोशी ने उद्बोधन प्रस्तुत किया। शिक्षाविद- आलोचक डाॅ. उमाकांत गुप्त ने एल.पी. तैस्सितोरी के व्यक्तित्व एवं व्यक्तित्व को विस्तार से बताया ।

समारोह में अवार्ड प्राप्त करने वालों का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. सत्य प्रकाश आचार्य एवं डॉ. नरेश गोयल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वह सदैव राजस्थानी भाषा कि मान्यता के लिए आगे बढ़कर काम करेंगे। अभिनंदन पत्रों का वाचन आशा शर्मा, बाबूलाल छंगाणी, निर्मल शर्मा, डॉ. नासिर जैदी, कमल आर्य एवं इरशाद अजीज ने किया। कार्यक्रम के अंत में समन्वयक एन.डी. रंगा ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में डाॅ.प्रशांत बिस्सा, अब्दुल शकूर सिसोदिया, डॉक्टर फारूक चौहान, मोइनुद्दीन कोहरी, डॉ विमल शर्मा, कल्याण मल सुथार ,एडवोकेट महेंद्र जैन, गजेंद्र सिंह, इन्द्रा व्यास, शिवशंकर शर्मा सहित अनेक लोगों उपस्थित थे।

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