करोड़ों के राजस्व ठगी फर्जीवाड़ा में हनुमानगढ़ के तीन जालसाज फरार

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  • रेवेन्यू बोर्ड अजमेर की पुरे मामले में नजर, जंक्शन पुलिस की दबिश जारी

हनुमानगढ़ ,17 दिसम्बर। करोड़ों के राजस्व नुकसान को लेकर राज्य स्तरीय चर्चित प्रकरण में जंक्शन पुलिस पिछले 9 दिनों से शहर के तीन व्यापारियों को ढूंढ रही है। जगह-जगह लगातार दबिश देने के बावजूद भी आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वहीं करोड़ों के राजस्व नुकसान को लेकर रेवेन्यू बोर्ड अजमेर की टीम भी सक्रीय हो गई है। रेवेन्यू टीम पुलिस जांच से लेकर आरोपियों की सलिप्तता, राजस्व हानि का रिकॉर्ड आदि अपने स्तर पर खंखलाने में जुटी हुई है।

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गौरतलब है की गत 9 दिसम्बर को पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जंक्शन थाना में महावीर रणवां पुत्र ओंकार रणवां निवासी गांव जोड़कियां हाल निवासी सिविल लाइन्स, ध्रुव रणवां पुत्र महावीर रणवां निवासी सिविल लाइन्स और सत्यपाल गर्ग पुत्र बलास राम गर्ग निवासी रीको फेज सेकिंड, जंक्शन के विरुद्ध भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत अवैध माइनिंग, फर्जी कूटरचित बिलों का इस्तेमाल, किसी अन्य व्यक्ति की फर्म का दुरूपयोग, रॉयल्टी विभाग के करोड़ों रुपयों की राजस्व चोरी, माइनिंग विभाग को गुमराह कर जाली दस्तावेज पेश करने आदि तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ। प्रकरण जैसे ही दर्ज हुआ पुलिस विभाग के साथ-साथ रेवेन्यू बोर्ड अजमेर के अधिकारी भी सक्रिय हो गए।

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पुलिस जांच के साथ-साथ उनकी विभागीय जांच भी करोड़ों के राजस्व घोटाले की परत दर परत हटाते हुए मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है। संभावना जताई जा रही है की आरोपियों के साथ-साथ कई अधिकारी भी शक के दायरे में है। प्रकरण के जांच अधिकारी जंक्शन पुलिस थाना के उप निरीक्षक गजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए उनके सिविल लाइन्स आवास, जोड़कियां गांव के घर, जंक्शन धानमंडी आढ़त दुकान, रीको क्षेत्र में लगातार दबिश दी जा रही है। तीनों आरोपियों ने अपने मोबाईल बंद कर रखे है।

प्रकरण अनुसार सिविल लाइन्स निवासी प्रमोद कुमार ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि मेरी भागीदारी फर्म पवन क्रेशर उद्योग जिसका मुख्य कार्यालय दुकान न. 8, सी- नारायण नगर, नजदीक आशीष सिनेमा, हनुमानगढ़ है। मेरी फर्म में मेरे अलावा अभिमन्यु चाहर पुत्र सुदेश चाहर निवासी हुड्डा कॉलोनी, सिरसा (हरियाणा), विक्रम नैण पुत्र भीमसेन नैण निवासी जोड़कियां, ध्रुव रणवां पुत्र महावीर रणवां निवासी सिविल लाइन्स और सत्यपाल गर्ग पुत्र बलास राम गर्ग निवासी रीको फेज सेकिंड, जंक्शन पार्टनर है। उक्त फर्म की पार्टनरशिप डीड 12 अगस्त 2019 को लिखी गई। कार्य की सुविधा और सहूलियत के लिए सभी पार्टनरों ने सत्यपाल गर्ग को पावर ऑफ़ एटॉर्नी सौंप दी। जिसके बाद से फर्म के सभी कार्य, देखरेख, सारसंभाल, निविदाएं, फर्म कार्यों से सम्बंधित दस्तावेजी औपचारिकता, मोहर, हस्ताक्षर आदि सभी सत्यपाल गर्ग संभालने लग गए। उक्त फर्म माइनिंग कार्य करने के लिए बनाई गई थी।

माइनिंग कार्य करने के लिए 10 जनवरी,2020 को दो शपथ पत्र सहमति जमीन खातेदार प्रेम पुत्र हुकमाराम मेघवाल निवासी जोड़कियां के साथ किये गए और उन्हें उपपंजीयक हनुमानगढ़ कार्यालय से पंजीकृत करवाया गया। ये शपथ पत्र पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी धारक पार्टनर सत्यपाल गर्ग द्वारा तैयार करवाए गए। काबिलेगौर है की उक्त शपथ पत्र को पंजीकृत करवाते समय लिखा गया की इस शपथ पत्र की अवधि एक वर्ष तक ही मान्य रहेगी। इसी शपथ पत्र को महावीर रणवां, ध्रुव रणवां और सत्यपाल गर्ग द्वारा खनन विभाग, चूरू में पेश कर दिया गया। परिवादी उस समय जयपुर में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहा था। तब उक्त जमीन से आरोपी पार्टनरों ने पत्थर माइनिंग का कार्य शुरू कर दिया। मजेदार पहलु ये भी है की सहमति जमीन खातेदार प्रेम कुमार जोड़कियां गांव में ही महावीर रणवां और ध्रुव रणवां का बरसों पुराना नौकर है। आपराधिक तथ्य यह है की प्रेम कुमार ने अपनी जमीन खनन कार्य के लिए मात्र एक वर्ष के लिए ही दी थी लेकिन आरोपियों द्वारा लगातार तीन वर्ष तक अवैध खनन कार्य जारी रखा। परिवादी प्रमोद की जानकारी में आने के बाद उसने मौके पर जाकर आरोपियों को चेताया। कहां कि आप बिना अनुमति पिछले दो सालों से अवैध खनन क्यों कर रहे हो। इससे मेरी फर्म की गुडविल खत्म हो जाएगी। साथ ही आप हमें अंधेरे में रखकर धोखा दे रहे हो। इस पर आरोपी महावीर,ध्रुव और सत्यपाल ने कहां की जिस की जमीन है वो प्रेम कुमार हमारा आदमी है। हम चाहे जो करे आप कौन होते हो हमें रोकने वाले। हमारी जानकारी बहुत ऊपर तक है। हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। तुम्हारी फर्म से हम तो ऐसे ही कार्य करेंगे। ये सब तो पार्टनरशिप करने से पहले सोचना चाहिए था।

परिवादी ने शक होने पर खनन विभाग चूरू में संपर्क किया तो पता चला की आरोपियों ने कूटरचित जाली कागजात विभाग में पेश कर खनन कार्य जारी रखा और मात्र एक वर्ष खनन अनुमति वाली लाइन व्हाइटनर या अन्य किसी वस्तु से मिटा दी। इस तरह खनन और उपपंजीयक विभाग के साथ-साथ राज्य सरकार को गुमराह करते हुए आरोपी दो साल तक अवैध खनन कार्य करते रहे और राज्य सरकार को करोड़ो रूपये राजस्व का नुकसान पहुंचाया। दो साल तक खनन विभाग को अंधेरे में रखा। परिवादी द्वारा मामला नजर में लाने पर खनन विभाग ने जांच कर उक्त पवन क्रेशर को बंद करवा दिया। माइनिंग बंद करवा दी गई यही नहीं खनन विभाग ने जब औचक निरीक्षण कर पवन क्रेशर पर जांच करवाई तो मौके पर महावीर रणवां, ध्रुव रणवां और सत्यपाल गर्ग खनिज ग्रीट से भरे ओवरलोड ट्रकों, वाहनों के आधे टायर धर्मकांटे के ऊपर और आधे टायर नीचे जमीन पर खड़ा कर माइनिंग विभाग की ऑनलाइन साइड पर कम वजन अंकित कर रहे थे।

इस तरह पिछले दो वर्षों में न जाने कितने सरकारी राजस्व को कम वजन दिखाकर और दिन-रात अवैध खनन कर करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया। खनन विभाग और श्रम विभाग ने अपनी जांच में आरोपियों को दोषी पाया है। अब पुलिस विभाग आरोपियों को हिरासत में लेकर गहनता से जांच करेगी फ़िलहाल तीनों आरोपी व्यवसायी फरार है। जंक्शन थाना पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

 

 

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