शोध उत्कृष्टता – उपकरण एवं तकनीक विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन
शोध का अर्थ जानकारी और डेटा नहीं , इसका उद्देश्य है विकास और उत्कृष्टता
शोध गुणवत्ता ,तकनीक तथा पद्धति पर कार्यशाला
बीकानेर , 19 दिसम्बर। राजकीय डूंगर महाविद्यालयए बीकानेर के अंग्रेजी विभाग और शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में 17 से 19 दिसंबर 2024 शोध उत्कृष्टता , उपकरण एवं तकनीक विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को शोध पद्धति, साहित्यिक समीक्षा, संदर्भ प्रबंधन, साहित्यिक चोरी से बचाव और शोध में नैतिकता जैसे विषयों में दक्षता प्रदान करना था।
प्रो आर.के. पुरोहित, प्राचार्य द्वारा उद्घाटन किए गए इस कार्यक्रम में डॉ.दिव्या जोशी, डॉ, सोनू शिवा, डॉ, शशिकांत, डॉ. महेंद्र थोरी, डॉ. एस.के. वर्मा, और डॉ. एस.डी. व्यास जैसे विशेषज्ञों ने अपने सत्र लिए।डॉ दिव्या जोशी ने साहित्य समीक्षा की तकनीकें और डॉ. सोनू शिवा ने मानविकी में शोध की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। डॉ. शशिकांत ने सुव्यवस्थित शोध.प्रस्ताव , सिनॉप्सिस तैयार करने की विधियां और डॉ. महेंद्र थोरी ने साहित्य में सैद्धांतिक ढांचों के उपयोग पर सत्र लिया।डॉ एस. के. वर्मा ने संदर्भ प्रबंधन उपकरणों , जैसे ( End Note) का उपयोग और डॉ. नरेंद्र भोजक ने साहित्यिक चोरी, शोध नैतिकता और अतः विषय पर सत्र लिया।
कार्यशाला ने प्रतिभागियों को शोध प्रक्रियाओं की गहरी समझ और व्यावहारिक कौशल प्रदान किए। प्रतिभागियों ने शोध उद्देश्यों को स्पष्ट करनेए साहित्य समीक्षा तैयार करने और शोध में नैतिकता बनाए रखने में आत्मविश्वास की वृद्धि की।
कार्यशाला का समापन डॉ. एस.डी. व्यास , डॉ मनीष महर्षि तथा डॉ पूनम चारण द्वारा संचालित खुले मंच से हुआ जहां प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। प्रमाण पत्र वितरण के साथ आयोजन टीम और वक्ताओं ने प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना की। यह कार्यशाला शोध समुदाय में अकादमिक उत्कृष्टता और नवाचार को प्रोत्साहित करने तथा राजकीय महाविद्यालयों में शोध से जुड़े नवाचारों की दिशा में एक प्रभावी प्रयास साबित हुई।