मोहता की कविताओं में आम आदमी की पीड़ा बयां करती है- जोशी

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बीकानेर, 30 दिसम्बर। मुक्ति संस्था बीकानेर के तत्वावधान में हिन्दी के वरिष्ठ कवि , जोधपुर से पधारे राजेश मोहता का एकल काव्य पाठ होटल मरुधर हेरिटेज में सोमवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की। मुख्य अतिथि व्यंग्यकार-संपादक डॉ. अजय जोशी थे। विशिष्ट अतिथि शिविरा के पूर्व संपादक ओमप्रकाश सारस्वत रहे।

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स्वागत भाषण कवि- चिंतक प्रोफेसर नरसिंह बिन्नाणी ने करते हुए बीकानेर की साहित्यिक परंपरा पर विस्तार सेअपनी बात रखी।
राजेश मोहता ने दो दर्जन से अधिक कविताएं सुनाते हुए मेरा शहर तेरा शहर सत्ता का चरित्र भाषा में गिर गया है और भाषा बहकर गटर की तरफ जा रही है। व्यवहार शीर्षक से चुप हवाओं में शब्द गूंगे हो गए हैं एवं प्रेम का आंचल शीर्षक में आखिर मैं क्यों लोगों से मिलता हूं ? क्यों देखता हूं मैं सपने तथा अगर मैं लौटा ? अगर मैं लौटा तो आंसू पहुंचने के लिए लौटूंगा तथा कर्ण की व्यथा शीर्षक मैं कर्ण हूं, इसलिए पाता कुछ नहीं सिर्फ खोता हूं। जैसी कविताओं के माध्यम से खूब वाह-वाही लूटी।

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अध्यक्षता करते हुए राजेन्द्र जोशी ने कहा कि मोहता की कविताओं में विविधता है, उनकी कविता व्यक्ति की आत्मा को सृष्टि से जोड़ती हुई कविताओं में व्यथा ,परिवर्तन एवं जिंदगी के सारे रंग भरे है। जोशी ने कहा कि मोहता की कविताएं परिपक्व एवं आम आदमी की पीड़ा बयां करती है।
मुख्य अतिथि डाॅ.अजय जोशी ने कहा कि मोहता की कविताओं के माध्यम से रिश्तों का ताना- बाना बुनते है, जोशी ने कहा कि इनकी रचनाऍं जड़ो से जुड़ाव रखती है। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने राजेश मोहता का परिचय देते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया की राजेश मोहता के अब तक दो कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके है एवं अनेक नाटकों का रेडियो से प्रसारण हुए है।
इस अवसर पर वरिष्ठ शायर असद अली असद ने गीत सुनाया । इस अवसर पर संस्था की और कवि राजेश मोहता का सम्मान किया गया।
सभी के प्रति विशिष्ट अतिथि ओमप्रकाश सारस्वत ने आभार प्रकट किया।

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