हेरिटेज वॉक के साथ हुआ अन्तर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव का आगाज

B.R.GAWALA, IPS
बीकानेर, 10 जनवरी। हेरिटेज वॉक के साथ शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव का आगाज हुआ। लक्ष्मीनाथ जी मंदिर से रामपुरिया हवेली तक आयोजित हुई हैरिटेज वाक में बीकानेर की स्थापत्य कला, व्यंजन और ललित कलाओं के  विविध आकर्षक रंग देखने को मिले। हैरिटेज वॉक में देशी- विदेशी सैलानी, स्थानीय निवासियों सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी बीकानेरी रंगों में सरोबार नजर आए।
इस दौरान जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर, निगम आयुक्त मयंक मनीष, बीडीए सचिव अपर्णा गुप्ता, सीईओ सोइनलाल, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़, सहायक निदेशक किशन कुमार, जिला पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा सहित अन्य पुलिस प्रशासन अधिकारियों ने इस वॉक में शिरकत की। इस अवसर पर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि बीकानेर की ऐतिहासिक विरासत हमारी साझी धरोहर है। इसके रंग पूरी दुनिया में पर्यटन मानचित्र पर बिखेरे हैं। इस उत्सव में आए सभी सैलानियों और स्थानीय प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए जिला कलेक्टर ने उनसे इस संस्कृति का हिस्सा बन कर इसे जीने का आह्वान किया।
लम्बी पगड़ी रहीं आकर्षण का विशेष केन्द्र
 वॉक के दौरान लोक कलाकार पवन व्यास ने 2 हजार 25 फिट लंबी पगड़ी बांध कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान नगाड़ा, मश्क, चंग और बांसुरी वादन एवं भजन गायन की प्रस्तुतियां दी गई। देशी और विदेशी सैलानी मथेरण, बंधेज, पोट्री, सुनहरी कलम और साफा बांधने की कला को करीब से देखा। इस दौरान लोक कलाकार, रोबीले और सजे-धजे ऊंट भी साथ रहे। भांडाशाह जैन मंदिर के पास हरियाणवी रागड़ी की प्रस्तुति दी गई। चूड़ी बाजार में लाख की चूड़ी बनाने, जूती बनाने, चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को दर्शाया गया। सब्जी बाजार की ऐतिहासिक चौकी पर आयोजित शहर की ऐतिहासिक रम्मत का सबके आकर्षण का केन्द्र रही।
बीकानेरी स्वाद के लिए चटकारे
प्रतिभागियों ने भुजिया, घेवर और जलेबी बनाने की कला को करीब से देखा और बीकानेरी स्वाद का लुत्फ उठाया। मरूनायक चौक में ब्लॉक और स्क्रीन प्रिंटिंग का प्रदर्शित की गई।
मोहता चौक के बड़े पाटे पर पारम्परिक भोजन बनाने का प्रदर्शन किया गया, जहां प्रतिभागियों को कचौड़ी और रबड़ी खिलाई गई। भपंग वादन का प्रदर्शन भी किया गया।  लोक कलाकारों द्वारा गणगौर के गीत, कठपुतली का खेल दिखाया गया। हैरिटेज के रंगों को करीब से देख कर देशी विदेश पर्यटक रोमांचित नजरर आए। ऐतिहासिक रामपुरिया हवेलियों के पास वॉक का समापन हुआ जहां उस्ता कला, हवेली संगीत और कच्छी घोड़ी नृत्य नाटिका का मनमोहक प्रदर्शन ने प्रतिभागियों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
सेल्फी और स्वाद के साथ मिली बीकानेर की अपनायत 
अन्तर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव की हैरिटेज वाक में सजे धजे रास्ते और सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत के रंगों के बीच सैलानी सेल्फी लेते दिखे। कई स्थानों पर स्थानीय निवासियों ने उत्सव में आए सैलानियों का फूल बरसा कर और माला पहनकर स्वागत किया। बीकानेर की इस अपनायत से सैलानी भाव विभोर नजर आए।

अन्तर्राष्ट्रीय ऊँट उत्सव पर एनआरसीसी करेगा उन्नत तकनीकी प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन

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बीकानेर 10 जनवरी, 2025 । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) द्वारा दिनांक 11 जनवरी को उन्नत तकनीकी प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है । केन्द्र द्वारा यह प्रदर्शनी कार्यक्रम, पर्यटन विभाग राजस्थान एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय ऊँट उत्सव (10-12 जनवरी) के उपलक्ष्य पर एन.आर.सी.सी. के कैमल स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में 11 जनवरी को ही आयोज्य ऊँट दौड़, ऊँट नृत्य, ऊँट सजावट व उष्ट्र फर कटिंग आदि के दौरान किया जा रहा है ।

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निदेशक डॉ.समर कुमार घोरुई ने कहा कि अधिकाधिक पशुपालकों एवं किसानों के समक्ष नूतन प्रौद्योगिकी संबंधी जानकारी भलीभांति प्रदर्शित करने तथा बदलते परिवेश में ऊँट प्रजाति को ‘कैमल इको-टूरिज्म’ के रूप में बढ़ावा दिए जाने के प्रयोजनार्थ केन्द्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ऊँट उत्सव के महत्वपूर्ण अवसर पर इस उन्नत तकनीकी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है ताकि वे प्रेरित होकर अपनी आजीविका में सुधार ला सकें । डॉ. घोरुई ने ऊँटों के परंपरागत कार्यों में सीमित होती उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए कहा कि उष्ट्र पालन व्यवसाय में असीम संभावनाएं विद्यमान हैं, मानव स्वास्थ्य में ऊँटनी का दूध विभिन्न बीमारियों यथा- मधुमेह, क्षय रोग, ऑटिज्म आदि में कारगर साबित हो रहा है वहीं इसकी ऊन, त्वचा, हड्डी आदि से बने उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ रही है । उन्होंने कहा कि एनआरसीसी के वैज्ञानिकों द्वारा ऊँटनी के दूध से 25 से अधिक स्वादिष्ट दुग्ध उत्पाद विकसित किए जा चुके हैं वहीं यह केन्द्र पर्यटनीय स्थल के रूप में विश्व प्रसिद्ध है जिसे देखने प्रतिवर्ष हजारों देसी-विदेशी सैलानी, पशुपालक/किसान, स्कूली विद्यार्थी आदि शैक्षणिक भ्रमणार्थ आते हैं।

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एनआरसीसी की ओर से ऊॅट उत्सव कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.राकेष रंजन ने कहा कि केन्द्र के कैमल स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में प्रातः 9.30 बजे से आयोज्य तकनीकी प्रदर्शनी कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद एवं कृषि संबद्ध समस्त संस्थानों/केन्द्रों/विश्वविद्यालयों द्वारा उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों संबंधी अद्यतन जानकारी को किसानों/पशुपालकों, पर्यटकों व आमजन के समक्ष प्रदर्शित करने हेतु प्रदर्शनी/स्टॉल्स् लगाई जाएगी । उष्ट्र प्रजाति संबद्ध नूतन प्रौद्योगिकी आदि प्रदर्शित किए जाने के प्रयोजनार्थ ऊँट पालक, किसान, गैर सरकारी संगठन, प्रतिष्ठान भी केन्द्र से सम्पर्क कर सकते हैं। कार्यक्रम सह समन्वयक डाॅ.शान्तनु रक्षित, वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदर्षनी कार्यक्रम संबंधी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। एनआरसीसी में उष्ट्र उत्सव के दौरान आयोजित यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वूर्ण है जिसका लाभ ऊँट पालकों, किसानों, उद्यमियों को उठाना चाहिए।

 

 

 

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