अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का समापन
ऊंट उत्सव के तीसरे दिन रायसर में विभिन्न गतिविधियां आयोजित, स्थानीय खेलों में सैलानियों और देशी पर्यटकों ने दिखाया दमखम
बीकानेर, 12 जनवरी। अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के आखिरी दिन रविवार को रायसर के धोरों पर दिनभर विभिन्न कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में स्थानीय और देशी विदेशी पर्यटकों ने शिरकत की। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के तत्वावधान में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर शहर वासियों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और धोरों में आयोजित गतिविधियों का लुत्फ उठाया। देशी-विदेशी पर्यटकों ने रस्सा कस्सी, मटका दौड़, कुश्ती, साफा बांधने की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाई। वहीं खो-खो, कबड्डी जैसे स्थानीय खेलों की प्रतियोगिताओं में भी सैलानियों ने बढ़-चढ़कर दमखम दिखाया।
रायसर के धोरों पर दौडे घोड़े, ऊंटों की दौड़ रही आकर्षण का केंद्र अंगारों पर थिरके कदम, फॉक नाइट भी आयोजित
रायसर के धोरों पर ऊंटों और घोड़ों की दौड़ सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रही। वहीं जसनाथ सम्प्रदाय के अनुयायियों ने अग्नि नृत्य की प्रस्तुति दी। धधकते अंगारों पर नृत्य देखकर विदेशी पर्यटकों ने दांतों तले अंगुली दबा ली। इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृतियो के नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। चिरमी नृत्य, घूमर, हरियाणावी लोकनृत्य ने ठंडी रात ये लोगों को थिरकने कर मजबूर कर दिया।
इस दौरान पर्यटन उपनिदेशक अनिल राठौड़ जिला पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा सहित प्रशासन की अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित, किशोर सिंह राजपुरोहित ने किया।
प्रतियोगिताओं में यह रहे विजेता
ऊंट उत्सव के तीसरे दिन मटका रेस में जर्मनी के अलीगरा विजेता और रविंद्र बिश्नोई द्वितीय व चीनू वैष्णव तृतीय स्थान पर रहे। टग ऑफ वॉर की पुरुष और महिला प्रतियोगिता में इंडियन टीम विजेता रही। इसी प्रकार महिला और पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता में कैप्टन चंद्र चौधरी कबड्डी टीम विजय रही। इसके अलावा कैमल रेस में इमरान प्रथम, रेवंत सिंह द्वितीय और रामलाल तृतीय स्थान हासिल किया। साथ ही हॉर्स रेसिंग में अमीर सिंह शेखावत विजय रहे। हरि कृष्ण द्वितीय और संपत बिश्नोई तृतीय स्थान पर रहे। इस दौरान विदेशी पर्यटकों ने भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह किया। धोरों पर सैंड आर्टिस्टों द्वारा उकेरी गई आकृतियों को पर्यटकों ने जमकर सराहा।
महक बनी मिस मरवण, योगेश मिस्टर बीकाणा; आज रायसर के धोरों पर हुआ समापन
इससे पहले शनिवार को डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में मिस मरवण, मिस्टर बीकाणा, ढोला मरवण प्रतियोगिताएं हुई।इन प्रतियोगिताओं का रिजल्ट देर रात जारी हुआ जिसमें महक दफ्तरी ने मिस मरवण का खिताब जीता। निर्मला शर्मा द्वितीय एवं आकांक्षा सुथार तृतीय स्थान पर रही। मिस्टर बीकाणा का खिताब योगेश सेवग ने जीता। वहीं मुकेश भोजक द्वितीय व प्रेम रतन, जगमाल सिंह तृतीय स्थान पर रहे। ढोला मरवण प्रतियोगिता में श्रवण कुमार सोनी और संजू सोनी विजेता रहे।
पारंपरिक रंग-बिरंगे परिधानों में सजे प्रतिभागियों ने विभिन्न चरणों में आयोजित इन प्रतियोगिताओं में शिरकत की और सैलानियों को बीकानेर की समृद्ध लोक संस्कृति से रूबरू करवाया। एक ओर जहां पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे रोबीले वीर रस से ओतप्रोत गीतों के साथ कदमताल करते दिखे, वहीं नखशिख श्रृंगार के साथ युवतियों ने बढ़-चढ़ कर प्रतियोगिताओं में भागीदारी निभाई। इस दौरान 40 फीट मूंछों के साथ गिरधर व्यास ने सैलानियों को आकर्षित किया।
सोंगी मुखौटा व मयूर नृत्य ने सैलानियों का जीता दिल
अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दौरान लोक-संस्कृति और लोकधुनों की थाप ने शाम को बेहद खास और खुबसूरत बना दिया। डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में देर शाम फॉक नाइट का आयोजन हुआ। राजस्थानी लोक गीत और लोक धुनों से सजे इस कार्यक्रम में दर्शकों के साथ पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश ने भी संगीत की धुनों का लुत्फ उठाया। इस दौरान राजस्थानी लोक कलाकारों सहित अन्य प्रदेशों के कलाकारों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गई। पद्मश्री से सम्मानित बीकानेर के मांड लोक गायक अली-गनी ने सुरीले गीतों ने विदेशी पर्यटकों को राजस्थानी संस्कृति का परिचय दिया। उनके गीतों ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया।
स्थानीय कलाकार वर्षा सैनी द्वारा प्रस्तुत चरी नृत्य पर स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।महाराष्ट्र का लोकनृत्य सोंगी मुखौटा एवं मथुरा के मयूर नृत्य ने सैलानियों का दिल जीत लिया। कलाकारों ने घूमर, भंगड़ा, घुटना चकरी, फाग, हरियाणवी घूमर, नौरता सहित अन्य नृत्यों ने पर्यटकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर देशी और विदेशी सैलानी इन पलों को कैमरे में कैद करते नजर आए।