राजस्थानी भाषा के लिए राजस्थान सरकार को खुला पत्र

बीकानेर, 13 जनवरी। बीकानेर के साहित्यकार , कवि व बुद्धिजीवी नाचीज़ बीकानेरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राजस्थान के 15 करोड़ लोगों व साहित्यकारों की पीड़ा को मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र लिखा है। पत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता, राजभाषा बनाने व एकेडमी गठन के साथ राजस्थानी को सम्मान देने की बात को लिखा। उन्होंने कहा कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री आप राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए भारत सरकार को 15 करोड़ राजस्थानियों की लम्बित मांग के लिए शिष्टाचार भेंट कर हमारी मांग को प्रभावशाली ढंग से रखें । पत्र में लिखा कि राजस्थान में राजस्थानी को राजभाषा घोषित करने की कार्यवाही भी विधानसभा सत्र शुरु होने से पहले राजस्थान में राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया जाय का निर्णय लेकर प्रदेश को सौगात दें ।

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नई शिक्षा नीति की अक्षर:स पालना करते हुए पांचवीं तक मातृ भाषा में पढाया जाय , इसके साथ ही राजस्थानी भाषा को पढ़ना सैकेंडरी कक्षा तक अनिवार्य किया जाए ताकि सीनियर में राजस्थानी ऐच्छिक विषय लेने में छात्र रुचि ले सके। जब नींव मजबूत होगी तो उच्च शिक्षा में आम विद्यार्थी रुचि लेंगे ,ये सुधार करने के लिए प्रारंभिक शिक्षा से राजस्थानी जरूरी है ये निर्णय भी शीघ्र लें। राजस्थानी भाषा को मान्यता और राज भाषा बनने से राजस्थान में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। नाचीज़ बीकानेरी ने आगे कहा कि आप की प्रदेश/ केंद्र में आप ही की सरकार है। सभी दलों के सांसद/ विधायकों की भी सहमति है। अब इच्छाशक्ति की देरी है इस प्रकरण को प्राथमिकता दें आपका कार्यकाल राजस्थानी भाषा को मान्यता व राजभाषा बनाने पर आपक कार्यकाल सवर्ण काल बन जाए ।नाचीज़ ने लिखा कि राजस्थानी भाषा अकेडमी सुनी पड़ी है जहां अध्यक्ष एवं सदस्यों की घोषणा शीघ्र की जाय ।

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राजस्थान सरकार को राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एकेडमी गठन की कार्यवाही भी शीघ्र हो ताकि एकेडमी में लम्बित प्रकरण निपटाए जा सकें। सरकार की उदासीन प्रवृत्ति के कारण 2023-2024 के अकादमी के द्वारा घोषित पुरस्कार/ पांडुलिपि आर्थिक सहयोग आदि विभिन्न मामले अभी तक लंबित हैं,उनका निस्तारण भी नहीं हो रहा है। अकादमी की पत्रिका जागती जोत भी बिना अध्यक्ष के नियमित नहीं निकल पा रही है। इससे राजस्थानी भाषा की उपेक्षा हो रही है , इससे साहित्यकारों में रोष है। अत: अकादमी में सरकार अध्यक्ष शीघ्र मनोनीत करे जिससे राजस्थानी भाषा की आवश्यक गतिविधियां शुरू हो।राजस्थान के भाषा प्रेमियों की भावना को राजस्थान के मुख्यमंत्री जी से आग्रह के साथ साझा किया और विधानसभा शुरु होने से पहले उचित निर्णय लेकर राजस्थानी भाषा के 15 करोड़ लोगों को सौगात प्रदान करने का खुला पत्र लिखा ।

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