राज राज्य कर्मचारी संघ द्वारा उप मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अभिलेखागार के मुद्दे उठाए

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  • बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार के कार्यवाहक निदेशक डॉ. नितिन गोयल के बाबत की गयी शिकायत तथा राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त करने की मांग

बीकानेर , 22 जनवरी। राजस्थान राज्य संघ ने उपमुख्यमंत्री एवं कला एवं सांस्कृतिक मंत्री,राजस्थान सरकार, जयपुर को पत्र में लिखा कि बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार का हमारे इतिहास से जुडे दस्तावेजो के लिहाज से एक विशेष महत्व है। समय-समय पर राज्य सरकारों ने इनके संवर्धन और इतिहास के संरक्षण को लेकर इस अभिलेखागार पर काफी ध्यान दिया। उन्होंने शिकायत करते हुए लिखा कि वर्तमान में निदेशक का चार्ज संभाल रहे डॉ. नितिन गोयल को लेकर वर्तमान में अभिलेखागार में कई तरह की परेशानियाँ खड़ी हो गयी है जिसमें न सिर्फ राजकार्य बाधित हो रहा है बल्कि अभिलेखागार की साख पर भी प्रभाव पड रहा है। उन्होंने लिखा कि अभिलेखागार का दायित्त्व मिलने के साथ ही यहाँ पर पूर्व निदेशक डॉ. महेन्द्र खड़गावत के समय, तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे , अशोक गहलोत व लगभग चार से पांच राज्यपाल व अन्य वी.आई.पी. गणमान्य लोग जो इस अभिलेखागार की शोभा बढाने व इसको विकसित करने आये थे। उन सभी से जुड़ी एक फोटो गैलेरी को जलाने का एक मामला सामने आया, हांलाकि इसकी जाँच अभी विचाराधीन है।

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पत्र में लिखा कि अभिलेखागार के कर्मचारियों के साथ भी कार्यवाहक निदेशक का व्यवहार उचित नहीं है और उसको लेकर पूर्व में भी अभिलेखागार कर्मचारी संघ ने आपको पत्र प्रेषित किया लेकिन कोई कार्यवाही या जबाबा नहीं आया।
हाल ही में एक महिला हिंसाकर अपने शोध कार्य के लिये अभिलेखागार में आती रहती है, इस रिसर्च स्कॉलर ने अपने शोध के दौरान कार्यवाहक निदेशक के खिलाफ पुलिस में अपीड़न की शिकायत भी दर्ज करवाई है, जिसकी सूचना भी आपको और मुख्त शासन सचिव कला एवं संस्कृति विज्ञान, अपुर को दी गई लेकिन उस पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

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पत्र में यह उजागर किया गया ही कि इन सब के अलावा एक महत्वपूर्ण बात जिस पर आपका आकर्षित करवाना चाहता है कि वर्तमान में कार्यवाइक निदेशक का पदभार संभाल रहे नितिन गोयल का मूलपद पूरालेखपाल है, जो कि राजपत्रित पद नहीं है, बावजूद उसके उन्हें निदेशक का कार्यभार सौंपा गया है। इनके पद का राजपत्रित कहीं भी गजेटियर में लाया नहीं है। एक विभागीय व्यवस्था के लिए इन्हें राजपत्रित माना गया है जबकि विभाग में इनसे वरिष्ठ कई अधिकारी है जो लम्बा अनुभव रखते है और उनही ज्यादा विभाग में कई अनुभवी है और उनके अनुभव से अभिलेखागार विभाग को ज्यादा लाभ होगा होना और विभाग और नयी ऊँचाईयों की और अग्रेषित होगा।

रमेश तिवाड़ी का प्रदेशाध्यक्ष राज राज्य कर्मचारी संघ ने लिखा है कि अभिलेखागार का महत्व हमारे इतिहास से जुड़ा है और इसका संवर्धन और आने वाली पीढ़ी तक हमारे इतिहास की जानकारी पहुंचे इसके लिये अभिलेखागार का नेतृत्व कुशल हाथों में होना जरूरी है। हमारा सुझाव है कि वर्तमान में निदेशक का पद विभागय स्तर पर कार्यरत व्यक्ति या अधिकारी को दिया जाय , लेकिन यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय तक एक पद पर रहे तो वह अपना तामाशाही रूख अपनाने लगता है जिससे विभाग में कार्य करने का माहौल अनुकूल नहीं रहता है ऐसे में हमारा निवेदन है कि राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक का पद राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा में शामिल किया जाकर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी को इसका दायित्व दिया जाये। ऐसे अधिकारी लम्बे समय तक एक जगह पर नहीं रहते और नए अधिकारी अपने अनुभव के दम पर इस पर अभिलेखागार को और ऊँचाईयों पर ले जाने में ज्यादा सफल होंगे । पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री , मुख्य सचिव व प्रमुख शासन सचिव , कला व संस्कृति राजस्थान सरकार, जयपुर को भी प्रेषित की गयी है।

 

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