राधा के प्रेमी को उसके पति की हत्या पर आजीवन कारावास
बीकानेर , 22 जनवरी। प्रेमिका के पति को धारदार हथियारों से मारने के आरोपी युवक को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रिडमलसर निवासी विक्रम उर्फ सदासुख को आजीवन कारावास के साथ ही साठ हजार रुपए आर्थिक दंड देना होगा। सजा अपर सत्र न्यायाधीश संख्या 7 की पीठासीन अधिकारी रेणु सिंघला की अदालत ने सुनाई है।
मामला ये है कि परिवादी जगाराम ने 19 मई 2019 को जेएनवीसी पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसका छोटा भाई छिनुराम निवासी जामसर के दाउदसर गांव का हैं, जो मोहम्मद सलीम सोढा के खेत वाके नैणों का बास सच्चा सौदा डेरा के पास रिडमलसर में चौकीदारी व देखभाल करता था। वो खेत में बनी ढाणी में अपनी पत्नी राधा व बच्चों के साथ रहता था। राधा का पीहर गांव रिडमलसर में ही हैं, राधा के पीहर के पास ही आरोपी का मकान था। आरोपी एवं राधा के आपस में संबंध थे। आरोपी कई बार राधा के खेत व ढाणी में आता जाता था और राधा के साथ अनैतिक संबंध भी थे, जिसके बारे में छिनुराम व उसके परिवारजनों व राधा के पिता ने भी विक्रम और राधा को समझाया कि यह गलत काम छोड दे और विक्रम को भी ढाणी में आने से मना किया। वह दोनों नहीं माने और धमकी दी कि उन्हें रोकने की हिम्मत की तो जान से हाथ धोना पडे़गा। छिनुराम को आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी जिस बाबत् छिनुराम ने अपने परिवारजनों व गांव के मौजिज व्यक्तियों को बताया। 18 मई 2019 की दोपहर उसके भाई लक्षमण राम ने छिनुराम को फोन किया। फोन नहीं उठाया तो परिवादी व मगाराम दोनों रिडमलसर होते हुए छिनुराम के खेत में गए, तब खेत के पास देखा कि आरोपी खेत से निकलकर भाग रहा था। जिसके हाथ में गुप्तीनुमा हथियार था। तब वे दौड़कर ढाणी में गए तो वहां छिनुराम खुन से लतपथ था और उसके गले में जगह जगह चोटें थी। वह चेहरे व सिर पर चोटे लगी हुई थी। तब उन्होंने विक्रम को पकड़ने के लिए उसका पीछा किया लेकिन वह भाग गया। तब उन्होंने छिनुराम को संभाला तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। राधा का पता किया तो वो भी गायब थी जिस पर उन्होंने गांव दाउदसर व राधा के पीहर सूचना दी। तब शाम तक सभी लोग आ गये जिस पर पड़ौसियों ने पुलिस को बुलाया पुलिस वाले छिनुराम को अस्पताल लेकर गये व शव को मोर्चरी में रख दिया। उसके भाई छिनुराम को आरोपी ने खतरनाक हथियार से हत्या कर दी।
अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाहों के बयान अदालत में करवाये गये। अदालत ने आदेश में यह भी कहा कि आरोपी द्वारा जमा करवायी गयी अर्थदण्ड की राशि 60 हजार रुपए बाद गुजरने मियाद मृतक के बच्चों को बतौर क्षतिपूर्ति दी जावें। इसके अलावा पीडित प्रतिकर स्कीम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से क्षतिपूर्ति राशि मृतक के बच्चों को दिये जाने की अनुशंसा की। राज्य सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक जगदीश सेवग ने की।