स्वास्थ्य साहित्य संगम कवि चौपाल की 500 वीं कड़ी के साथ चौपाल का हुआ समापन
- संस्था संस्थापक कवि नेमचंद गहलोत का कवियों ने किया सम्मान
- राष्ट्रप्रेम, देशभक्ति की रचनाओं ने किया सभी को मंत्रमुग्ध
बीकानेर 27 जनवरी । राष्ट्रीय कवि चौपाल की 500 वीं कड़ी गणतंत्र दिवस को समर्पित रही। इस कड़ी की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बसन्ती हर्ष ने कहा कि किसी कार्यक्रम को लगातार दस वर्षों तक चलाना बहुत बड़ी बात है। इस साहित्य सेवा को कवि नेमचंद गहलोत ने निभाया है। इन्होने साहित्य सर्जना में अपना अमूल्य सहयोग दिया है इनके सहयोग को बीकानेर कभी भूल नहीं सकता।
मुख्य अतिथि शायर वली मोहम्मद गौरी ने कहा कि नेमचंद गहलोत ने निस्वार्थ भाव से कवियों , शायरों को मंच देकर आगे बढाने का अथक प्रयास किया जो काबिले तारीफ़ है। विशिष्ट अतिथि श्रीमती सरोज भाटी ने देशभक्ति रचना प्रस्तुत करते हुए गहलोत के साहित्यिक अवदान की प्रशंसा की। कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने अपनी देशभक्ति रचना के साथ 500 वीं कड़ी की पूर्णाहुति तक के सफर के उतार.चढ़ाव को व्याख्यायित किया।
शिक्षाविद शिवशंकर शर्मा एवं राष्ट्रीय कवि चौपाल द्वारा कवि नेमचन्द गहलोत का स्वागत सम्मान माला, शोल, प्रशस्ति पत्र अर्पित कर किया गया। इससे पहले आकाशवाणी कलाकार महेशसिंह बड़गुजर ने मां सरस्वती की प्रार्थना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। श्रीमती बसंती, हर्ष, श्रीमती कृष्णा वर्मा, प्रमोदकुमार शर्मा, श्रीगोपाल स्वर्णकार, शकूर बीकाणवी, जुगलकिशोर पुरोहित, सिराजुद्दीन भुट्टा, रामेश्वर साधक, लीलाधर सोनी, राजकुमार ग्रोवर, शमीम अहमद, राजेन्द्र लखोटिया, ओमप्रकाश भाटी, वेदांत भाटी, विजयसिंह भाटी आदि कवियों ने 76 वें गणतंत्र दिवस पर अपनी राष्ट्रभक्ति की कविताएं ,गीत, गज़ल सुनाकर तालियाँ बटोरी। कार्यक्रम का सारगर्भित संचालन जुगलकिशोर पुरोहित द्वारा किया गया। सभी के प्रति आभार रामेश्वर साधक बाडमेरा ने ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के साथ 500 वीं कड़ी में कार्यक्रम की पूर्णाहुति की गयी।