श्रीमती मगनी देवी बोथरा की गुणानुवाद सभा आयोजित हुई

गंगाशहर , 28 जनवरी। आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुमति कुमार जी ने आज तेरापंथ भवन में संथारा साधिका श्रीमती मगनी देवी बोथरा के गुणानुवाद सभा में बोलते हुए कहा कि आत्मा के अलावा सभी प्रदार्थ धन, दौलत,संसार की सभी वस्तुओं के साथ शरीर आदि सभी नाशवान है। शरीर का महत्व केवल आत्मा के रहने तक है। शरीर से आत्मा निकलते ही शरीर माटी बन जाता है। हमें धर्म की करणी करनी चाहिए। धर्ममय जीवन जीवन व्यतीत करना चाहिए। धर्म ही आत्मा के साथ जाने वाला है। हम सभी को एक दिन परभव में जाना है। वहां हमारे कोई संगी साथी रिश्तेदार नही है, केवल मात्र धर्म ही साथ जाता है। हमें हमेशा जागरूक रहकर धर्म आराधना प्रतिदिन करते रहना चाहिए। मुनि श्री श्रेयांस कुमार जी ने गीतिका का संगान किया गुणानुवाद सभा में राजेन्द्र बोथरा व श्रीमती संतोष बोथरा सहित बोथरा परिवार ने गीतिका के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त की।

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आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुमति कुमार जी

तेरापंथ युवक परिषद् के मंत्री भरत गोलछा, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष भंवरलाल सेठिया, तेरापंथी सभा के कमल भंसाली, महिला मंडल के अध्यक्ष संजु जी लालाणी, पीयूष लूणिया, फतह चन्द सामसुखा ने संथारा साधिका श्रीमती मगनी देवी बोथरा को भावांजली अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा को उतरोतर आध्यात्मिक उन्नति करती हुई मोक्ष को प्राप्त करने की कामना की। सभा के उपाध्यक्ष पवन छाजेड़ ने आचार्य श्री महाश्रमण जी से प्राप्त संदेश का वाचन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथी सभा के कार्यकारणी सदस्य पीयूष लुणिया ने किया। स्मृति सभा में आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान , तेरापंथ सभा के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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