35 रुपए के लिए मर्डर करनेवाला 57 साल बाद दिल्ली से पकड़ा गया ऐसा कातिल

कोटा, 29 जनवरी। कहा जाता है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधी कितना भी छिपने की कोशिश करे, एक न एक दिन कानून उसे पकड़ ही लेता है। राजस्थान पुलिस ने 57 साल से फरार एक हत्या के आरोपी को आखिरकार दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। यह आरोपी 1967 से फरार था और इतने वर्षों तक नई पहचान और बदले हुलिए के साथ राजधानी में ऐशो-आराम की जिंदगी बिता रहा था।

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हत्या के बाद कोटा से भागकर दिल्ली में बसा

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राजस्थान के कोटा जिले के सुकेत थाना क्षेत्र में 57 साल पहले 1967 में एक हत्या हुई थी। इस हत्या का आरोपी प्रभु लाल, उस समय महज 15 साल का था। हत्या के बाद वह पुलिस से बचने के लिए राजस्थान छोड़कर दिल्ली भाग गया और वहां अपनी पहचान बदल ली। दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में बसकर उसने मकान निर्माण का काम शुरू किया और वन क्लास कॉन्ट्रैक्टर बन गया।

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35 रुपये के विवाद में की थी हत्या

सुकेत थाना अधिकारी छोटू लाल के अनुसार, प्रभु लाल ने 1967 में महज 35 रुपये के लिए भवाना दर्जी नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। दरअसल, उसने भवाना दर्जी को 35 रुपये में अपनी साइकिल बेची थी, लेकिन कुछ दिन बाद वह पैसे वापस देकर साइकिल लौटाने की मांग करने लगा। इस पर दोनों के बीच विवाद हुआ और गुस्से में आकर प्रभु लाल ने भवाना दर्जी पर पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद वह मौके से फरार हो गया।

57 साल बाद दिल्ली से ऐसे पकड़ा गया आरोपी

राजस्थान पुलिस ने फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। इसी दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि प्रभु लाल दिल्ली में रह रहा है। पुलिस ने दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया।

नया नाम, नई पहचान, लेकिन बच नहीं सका

गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रभु लाल ने न सिर्फ अपना नाम बदला, बल्कि कभी अपने गांव भी नहीं लौटा। उसने किसी रिश्तेदार से संपर्क नहीं रखा ताकि किसी को उसके बारे में जानकारी न मिले। लेकिन कानून से बचना संभव नहीं और आखिरकार 72 साल की उम्र में वह पकड़ा गया। अब उसे राजस्थान लाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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mahatma gandhi

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