मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अभिनव पहल, पंच गौरव कार्यक्रम
बीकानेर से करणी माता मंदिर, मोठ, रोहिड़ा, तीरंदाजी और बीकानेरी नमकीन पंच गौरव के रूप में चिह्नित
बीकानेर, 6 फरवरी। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अभिनव पहल के तहत प्रत्येक जिले में ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत प्रत्येक जिले में उसकी विरासत एवं पारिस्थितिकी को ध्यान रखते हुए पंच गौरव के रूप में एक जिला-एक उत्पाद, एक जिला-एक उपज, एक जिला-एक वनस्पति प्रजाति, एक जिला-एक खेल और एक जिला-एक पर्यटन स्थल चिन्हित किया गया है। बीकानेर जिले में मोठ को एक उपज, रोहिड़ा को एक प्रजाति, बीकानेरी नमकीन को एक उत्पाद, करणी माता मंदिर को एक पर्यटन स्थल तथा तीरंदाजी को एक खेल के रूप में चिन्हित किया गया है।
इसका उद्देश्य जिले की आर्थिक, पारिस्थितिकी एवं ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण एवं संवर्धन, स्थानीय शिल्प, उत्पाद, कला को संरक्षण प्रदान करना और उत्पादों की गुणवत्ता, विपण क्षमता में सुधार एवं निर्यात में वृद्धि, स्थानीय रोजगार बढ़ाकर जिलों से प्रवास रोकना, जिलों में स्वस्थ प्रतिस्वर्धा विकसित करना, वनस्पति प्रजातियों का संरक्षण एवं इनके वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक प्रयोगों को बढ़ावा तथा ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों का संरक्षण एवं इनमें वैश्विक स्तर की सुविधाएं विकसित करना है।
कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य पर मुख्य सचिव एवं जिला स्तर पर संबंधित जिला कलक्टर की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। जिला स्तरीय समिति में उद्योग, कृषि एवं उद्यानिकी, खेल एवं युवा मामलात, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी को सम्मिलित किया गया है। वहीं जिला कलक्टर द्वारा नामित राजस्थान लेखा सेवा का अधिकारी इसका सदस्य और उप निदेशक आर्थिकी एवं सांख्यिकी को सदस्य सचिव बनाया गया है।
जिला स्तरीय समिति द्वारा जिले में चिन्हित पंच गौरव के संबंध में विवरणिका तैयार की जाएगी। पंच गौरव प्रोत्साहन के लिए विभागीय समन्वय से जिला स्तरीय कार्य योजना के आधार पर कार्य होगा। इसमें उपज एवं वनस्पति प्रजाति के विकास के लिए संग्रहण, भंडारण, ग्रेडिंग, छंटाई, पैकेजिंग, ड्राइंग, प्रसंस्करण सुविधाओं और कोल्ड चेन सप्लाई का उन्नयन किया जाएगा। नई प्रौद्योगिकियों, उन्नत कृषि तकनीक और नवीनतम प्रतिक्रियाएं उत्पादों के जीआई टैगिंग, ब्रांड बिल्डिंग के लिए मददगार साबित होंगी। इन प्रक्रियाओं में स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी शामिल होंगी। इनके अलावा उत्पादों के विकास के लिए पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय शिल्प और हस्तशिल्प क्लस्टर का निर्माण किया जाएगा।
राष्ट्रीय प्लेटफार्म पर शामिल होने के लिए एमएसएमई को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने, डिजिटल मार्केटिंग, खरीदार-विक्रेता बैठक और राज्य अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लघु उद्योग प्रोत्साहन मिलेगा। प्रमुख पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों के लिए परिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, फिल्म समारोह, संगीत, खानपान आदि मनोरंजन गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिले के चयनित खेल के अनुसार खिलाड़ियों के उचित प्रशिक्षण हेतु आवश्यक उपकरण प्रदान किए जाएंगे। स्टेडियम, ट्रेनिंग सेंटर, हॉस्टल आदि का उन्नयन किया जाएगा। खेलों से संबंधित आवश्यक जानकारी ऑनलाइन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करवाई जाएगी।