मेरी आवाज़ ही पहचान है कार्यक्रम में गूंजे तराने

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बीकानेर , 8 फ़रवरी। मेरी आवाज़ ही पहचान है में गूंजे तराने उतर पश्चिम रेलवे ललित कला एवं सांस्कृतिक संस्थान व अमन कला केंद्र द्वारा रेलवे ऑफिसर में हिंदी सिनेमा की स्वर कोकिला लता मंगेशकर की पुण्यतिथि व ग़ज़ल किंग जगजीत सिंह की जयंती पर रंगारंग संगीत कार्यक्रम मेरी आवाज ही पहचान है” आयोजित किया गया।

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अमन कला केंद्र के अध्यक्ष अध्यक्ष एम रफीक कादरी ने बताया की कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरविंद मिढ़ा उपाध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी थे। अध्यक्षता संयुक्त रूप से डॉ आशीष कुमार मंडल रेल प्रबंधक व एन डी रंगा अध्यक्ष सखा संगम ने की। विशिष्ट अतिथि नारायण बिहानी, डॉ प्रवीण चतुर्वेदी, सैय्यद अख्तर अली, डॉ राकेश रावत, डॉ हिमांशु दाधीच, एम आर कुकरेजा, संजीव एरन, नरेंद्र, नांद सिंह, सुशील यादव थे। अनवर अजमेरी ने बताया कि गायक कलाकार सिराजू दिन खोखर ने “चिट्ठी ना कोई संदेश ना जाने ” एम रफीक कादरी” बेकस पे करम” कीजिए सरकारें। मदीना अनवर अजमेरी ने “सोलह वर्ष की बाली उमर को सलाम” गाने गाये।

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महेश खत्री ने “कभी कभी मेरे दिल में ख्याल”, कौशल किशोर शर्मा ने “रिमझिम गिरे सावन”, देवेन्द्र सिंह ने “फिर तेरी कहानी याद आई” दीपक खत्री ने “अकेले हैं चले आओ”, दीप माला व डॉ प्रवीण चतुर्वेदी ने “मेरे प्यार की उम्र हो इतनी सनम”, संजीव एरन ने “होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो”, डॉ हिमांशु दाधीच ने “नाम गुम जाएगा चेहरा यह बदल जाएगा”,डॉ प्रवीण चतुर्वेदी, डॉ तपस्या चतुर्वेदी ने “यह तेरा घर यह मेरा घर” , डॉ राकेश रावत ने” झुकी झुकी सी नजर बेकरार हो के नहीं” , एम आर कुकरेजा ने “होश वालों को खबर बेखुदी क्या चीज है” गाने प्रस्तुत किये। विशेष रेल मंडल प्रबंधक डॉ आशीष कुमार ने भी गीत प्रस्तुत कर लता मंगेशकर और जगजीत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर रेल से जुड़े अधिकारी व गायक और शहर के गणमान्य संगीत प्रेमी उपस्थित थे। संचालन एम रफीक कादरी ने किया।

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