अफसर को उसके ही 100 कर्मचारियों ने दी करोड़ों की घूंस

  • राजस्थान में टूटे रिश्वत के रिकॉर्ड

जालोर, 11 फ़रवरी। जालोर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में भर्ती घोटाले (Jalore Central Cooperative Bank Recruitment scam) की जांच के तहत एसीबी सिरोही टीम ने आज बैंक के कई अहम दस्तावेज खंगाले। यह कार्रवाई 2021 से 2023 के बीच हुई स्क्रीनिंग प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर की गई। जांच एजेंसी ने स्क्रीनिंग से जुड़े व्यवस्थापकों के आवेदन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं।

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कौन है जालोर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी

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इस घोटाले के मुख्य आरोपी बैंक के पूर्व एमडी केके मीणा हैं, जिन्होंने अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद 100 संविदा कर्मचारियों की अवैध स्क्रीनिंग कर उन्हें नियमित कर दिया था। इस प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं बरती गईं और शिकायतों के अनुसार, मीणा ने प्रत्येक कर्मचारी से 4.5 लाख रुपये की रिश्वत लेकर उन्हें नियमित किया। सूत्रों के मुताबिक, इस घूसखोरी के जरिये केके मीणा ने 3.5 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की थी। इस घोटाले में उनके साथ पूर्व सीनियर मैनेजर जसाराम मीणा और उनके संविदाकर्मी बेटे प्रवीण मीणा भी शामिल थे।

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राजस्थान की एसीबी टीम ने किए शॉकिंग खुलासे

एसीबी की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि इस स्क्रीनिंग प्रक्रिया में सिर्फ 17 कर्मचारियों को ही नियमित करने की अनुमति थीए लेकिन केके मीणा ने शाखा प्रबंधकों पर दबाव डालकर 100 कर्मचारियों की भर्ती कर दी। उन्होंने अपनी पसंद के उम्मीदवारों को जबरन प्रक्रिया में शामिल करवाया और नियमों की अनदेखी की।पिछले साल एसीबी ने आरोपियों के घरों पर छापेमारी की थीए जिसमें कई वित्तीय अनियमितताओं के सबूत मिले थे। जांच में सामने आया कि जसाराम और प्रवीण मीणा ने घूस की रकम को केके मीणा के रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में ट्रांसफर किया।

बैंक खाते में हुआ लाखों का ट्रांजेक्शन

एसीबी को जांच में 50 ट्रांजेक्शन के जरिए 40 लाख रुपये के लेन.देन की पुष्टि हुई। इनमें – जसाराम मीणा के खातों से 38 ट्रांजेक्शन में 26.23 लाख रुपये ट्रांसफर हुए। – प्रवीण मीणा के खाते से 12 ट्रांजेक्शन में 13.79 लाख रुपये भेजे गए।

केके मीणा के घर से करोड़ों की संपत्ति बरामद

एसीबी की छापेमारी में केके मीणा के जयपुर स्थित आवास से भारी संपत्ति बरामद हुई, जिसमें 131 भूखंडों के पट्टे – 740 ग्राम सोना और 3.90 किलो चांदी के आभूषण – 7 लाख रुपये की डायमंड ज्वेलरी – 1 बैंक लॉकर और 5 बैंक खातेएसीबी अब इस मामले में बैंक के अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। फिलहाल बैंक से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं और घोटाले की परतें धीरे.धीरे खुल रही हैं। मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती है।

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