राष्ट्रीय कवि चौपाल की 509वीं कड़ी नव वर्ष को समर्पित

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  • कभी खुद की खुद से मुलाकात करवा लेना…
  • म्हें लिखणो चाहूं कागद राम रै नाम..
  • दिल रो रहा है ग़म से रमज़ान जा रहा है

 

बीकानेर ,30 जून। राष्ट्रीय कवि चौपाल की 509वीं कड़ी नव वर्ष को समर्पित रहेगी इस अनुठी सरस्वती सभा के अध्यक्षता श्रीमती प्रभा कोचर, मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद कुमार शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि एडवोकेट गंगाबिशन विश्नोई ब्रह्मा एवं सरदार अली पड़िहार मंच पर शोभित हुए। रामेश्वर साधक ने “वेद विद्या जगती लुप्ता प्रायशः परमेश्वर, अंधता जगती तताया सा तू शीघ्र क्षीयताम” मां सरस्वती की प्रार्थना से कार्यक्रम शुभारम्भ किया ..

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कार्यक्रम मैं अध्यक्षीय बौध्दिक उद्बोधन देते हुए श्रीमती प्रभा कोचर ने अपनी काव्य रचना-कभी खुद की खुद से मुलाकात करवा लेना… प्रमोद कुमार शर्मा ने वो हंसता है मुझ पर कि मैं अभी भी आजाद हूं … गंगाविशन बिश्नोई ने ब्रह्मा….म्हें लिखणो चाहूं कागद राम रै नाम…. सरदार अली पड़िहार ने इस्लाम के पांच अरकान बताते हुए अपनी रचना से ईद मुबारक का काव्य बौध्दिक संदेश दिया। वरिष्ठ शायर कासिम बीकानेरी ने रमज़ान शरीफ़ के जाने पर ग़म का इज़हार करते हुए… ‘दिल रो रहा है ग़म से रमज़ान जा रहा है/मौला का प्यारा अब ये मेहमान जा रहा है’ काव्य रचना सुनाकर साहित्य सभा का समां बांध दिया।

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रामेश्वर साधक ने माता वैरी पिता जैरी, जो सुखी देखना चाहें संतान.. शिव दाधीच ने सुख दुःख में क्रमशः मन्वन्तर छू मंतर का अंतर होता है.. राजकुमार ग्रोवर ने हिन्दू, हिंदी,हिन्द का नव वर्ष आया.. माजिद खान ने किसी के जज्बात किसी का प्यार दिखता है .. डॉ किशन लाल विश्नोई ने विश्नोई रौ बलिदान जाणें, नीं गवियों रेतड़ली .. धर्मेंद्र राठौड़ ने जिंदगी जीओ जी भर औरों को भी जीने दो .. पवन चड्ढ़ा ने मानो तो मैं गंगा मां हूं। कार्यक्रम में हनुमान कांकड़, सुभाष विश्नोई, कमल किशोर आदि साहित्यानुरागी उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम का संचालन रामेश्वर साधक ने किया।

स्व. श्रीमती भंवरी देवी नाहर

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